पंजाब के जालंधर जिले में कस्बा आदमपुर स्थित खुर्दपुर रेलवे स्टेशन के निकट दो एएसआई की मृतक लाशें मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है। मिली जानकारी के अनुसार, ये दोनों एएसआई हत्या और बलात्कार के आरोपों में गिरफ्तार किए गए थे। मामले की गहन जांच के बाद एसएसपी हरकमल प्रीत सिंह खख ने खुलासा किया कि दोनों पुलिसकर्मियों ने आत्महत्या के इरादे से किसी जहरीले पदार्थ का सेवन किया था। उन्होंने अपनी कस्टडी में बड़े अपराध के आरोप से भाग निकलने का डर महसूस किया था।
जांच में यह सामने आया कि आदमपुर क्षेत्र में पुलिस की गाड़ी से ये आरोपी भाग निकले थे। जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी ने बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार नाबालिग को पकड़ लिया था। 17 वर्षीय नाबालिग के पीछे भागते समय, दोनों एएसआई पकड़े जाने के डर से मजबूर होकर जहरीला पदार्थ निगलने का कदम उठाया। दोनों शव सोमवार रात को खुर्दपुर रेलवे स्टेशन के पास पाए गए, जिससे इलाके में एक बार फिर से सनसनी फैल गई है।
जिन एएसआई की मृत्यु हुई है, उनकी पहचान प्रीतम दास और जीवन लाल के रूप में हुई है, जो होशियारपुर के निवासी थे। दोनों पुलिसकर्मियों को कपूरथला कोर्ट में पेशी के बाद होशियारपुर लौटते समय एक गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा। इस दौरान अमनदीप उर्फ कालू को हत्या के आरोप में पकड़ा गया था, और उसकी गिरफ्तारी के कारण ही एएसआई ने आत्महत्या का रास्ता चुना। पुलिस ने उनके खिलाफ कस्टडी से भागने का मामला भी दर्ज किया है।
दूसरे आरोपी देव कुमार, जिसकी उम्र 17.5 साल है, के खिलाफ कपूरथला थाने में सामूहिक बलात्कार और पोक्सो अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। पुलिस की टीम डीएसपी आदमपुर की निगरानी में जांच कर रही है, जिसमें जीआरपी भी सहायता कर रही है।
स्टेशन मास्टर नरेश राजू ने बताया कि वह अपनी रोजाना की ड्यूटी पर थे जब उन्होंने खुर्दपुर स्टेशन के पास निर्माणाधीन भवन के नजदीक कुछ सामान पड़े देखा। पास जाकर जब उन्होंने देखा, तो यह पता चला कि वहां दो शव हैं। इस जानकारी के तुरंत बाद उन्होंने आदमपुर पुलिस को सूचित किया। पुलिस की टीमें और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स तुरंत मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच शुरू कर दी।
उल्लेखनीय है कि एएसआई प्रीतम सिंह और जीवन लाल चोरी के दो आरोपियों को लेकर जालंधर कोर्ट में पेशी के लिए आए थे। जब दोनों आरोपी अदालत में पेश किए गए, उसके बाद से दोनों एएसआई लापता हो गए। जब अधिकारियों ने उन्हें फोन किया, तो संपर्क नहीं हो सका। बाद में जब जांच हुई, तो उनके जेब से पंजाब पुलिस का आईकार्ड पाया गया, जिससे उनकी पहचान स्पष्ट हुई।
यह घटना न केवल पुलिस विभाग के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है, जो पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सवाल उठाता है। पुलिस विभाग मामले के सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रहा है।