पंजाब में डीजल और बायो-एग्रो के बीच पैदा हुई गड़बड़ियों को लेकर राज्य सरकार ने एक गंभीर रुख अपनाया है। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह की अगुवाई में, राज्य ने निर्णय लिया है कि जो लोग गैर-जरूरी खेती के सामान और डाइजेस्टिव एजेंट (DAP) की कालाबाजारी कर रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई की प्रक्रिया को तेजी से अमल में लाने के लिए सरकार ने दो संपर्क नंबर जारी किए हैं, जिनके माध्यम से पीड़ित किसान अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे। किसान हेल्पलाइन नंबर 1100 और वॉट्सऐप पर +91-98555-01076 पर शिकायतें भेजकर व समस्याओं का समाधान चाह सकते हैं।
गुरमीत सिंह ने स्पष्ट किया है कि अवैध रसायनों को खाद के साथ जोड़कर बेचना या खाद की कीमत बढ़ाकर बेचना एक गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर, 1985 और आवश्यक वस्तुएं अधिनियम, 1955 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घोषणा का मुख्य उद्देश्य किसानों को कालाबाजारी और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों से बचाना है। सरकार की इस पहल से किसानों में राहत की एक नई उम्मीद जगी है।
कुछ दिनों पहले फगवाड़ा में हुई एक मीटिंग में इस मुद्दे पर गहन चर्चा की गई थी। किसान नेताओं ने सरकार का ध्यान इस बात पर आकर्षित किया था कि कई डीलर खाद की किल्लत का फायदा उठाकर किसानों को अन्य आवश्यक सामान खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि इन्हें खाद न मिलने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण वे बाजार में मजबूर होकर महंगी कीमतों पर अन्य सामान खरीदने को विवश हो गए हैं। इसके परिणामस्वरूप उनके सामने आर्थिक चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं।
किसानों की इस समस्या को देखते हुए, सरकार ने तुरंत एक्शन लेने का निर्णय लिया है। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि ऐसे डीलरों को बख्शा नहीं जाएगा जो किसानों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं और उन्हें अवैध गतिविधियों की ओर धकेल रहे हैं। सरकार का लक्ष्य किसानों को एक सुरक्षित और निष्पक्ष बाजार प्रदान करना है, जहां वे अपने उत्पादों को उचित मूल्य पर बेच सकें।
इस प्रकार, पंजाब सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक ठोस कदम उठाया है और अवैध व्यापारियों के खिलाफ कड़ी सजा देने का वादा किया है। इस पहल से न सिर्फ किसानों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में दीर्घकालिक सुधार भी देखने को मिलेंगे। दिल्ली से लेकर पंजाब तक कृषि संबंधी मामलों में उठ रहे सवालों का समाधान निकालने के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपक्रम है।