केजरीवाल से पंजाब मंत्रियों की खास मुलाकात, दिवाली शुभकामनाओं संग मिला अनोखा ड्रैगन फ्रूट उपहार!

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पंजाब के विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने हाल ही में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर साझा की। चीमा ने लिखा कि उन्होंने केजरीवाल को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और अपने विधानसभा क्षेत्र के एक प्रगतिशील किसान बलविंदर सिंह द्वारा उगाए गए ताजे ड्रैगन फ्रूट भी भेंट किए।

संधवां ने भी मनीष सिसोदिया से मुलाकात की, जिसमें पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने लिखा कि पिछले साल की दिवाली उनके लिए बहुत कठिनाइयों से भरी थी, क्योंकि उस समय मनीष सिसोदिया अपने परिवार से दूर थे। बैंस ने जोर देकर कहा कि सिसोदिया ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोपों के कारण उन्हें 17 महीने तक जेल में रहना पड़ा। बैंस ने यह भी कहा कि लाखों बच्चे और उनके परिवार सिसोदिया के प्रति अपनी शुभकामनाएं भेजते हैं।

इसके अलावा, स्पीकर संधवां ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से भी मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने दीवाली के महत्व और इसकी पारस्परिकता पर चर्चा की। संधवां ने कहा कि दीवाली का त्यौहार सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर मनाया जाता है। साथ ही, उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण रहित दीवाली मनाने के प्रति बढ़ती जागरूकता का जिक्र किया। उनका कहना था कि यह समय है जब हम सभी मिलकर अपने पर्यावरण की रक्षा करें और एक सुरक्षित, सुरक्षित और स्वच्छ दिवाली मनाने का प्रयास करें।

पंजाब सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य सरकारी संस्थानों के माध्यम से विद्यार्थियों और कर्मचारियों को प्रदूषण रहित दीवाली मनाने की अपील की है। यह एक सकारात्मक दिशा में पहल है, जो बच्चों को न केवल दीवाली का सही मतलब समझाती है, बल्कि उनके लिए सुरक्षित और खुशहाल वातावरण का निर्माण भी करती है।

इस प्रकार, इस दीवाली, पंजाब के नेता और आम लोग, सभी मिलकर एक प्रदूषण मुक्त और सौहार्दपूर्ण माहौल में इस महोत्सव का आनंद लेने का प्रयास कर रहे हैं। उनका यह कदम न केवल पर्व को मनाने के लिए है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। ऐसे में उम्मीद की जाती है कि यह पहल अन्य राज्यों में भी प्रोत्साहन प्राप्त करेगी, जिससे हमारा परिवेश और भी बेहतर बनेगा।