पंजाब के गुरदासपुर में आम आदमी पार्टी (AAP) के हलका इंचार्ज गुरदीप सिंह रंधावा की गतिविधियाँ इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के परिवार को अपने कार्यालय में आमंत्रित करके उन्हें हार पहनाया, जिसका वीडियो भी वायरल हो गया। इस मामले पर प्रतिक्रियाएँ अलग-अलग आ रही हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं सांसद सुखजिंदर रंधावा ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के नेता गैंगस्टर के परिवार के साथ संबंध रखकर उन्हें बढ़ावा दे रहे हैं। उनका कहना है कि पंजाब में अपराध की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है, जहां गोलियों की तड़तड़ाहट आम होती जा रही है।
गुरदीप सिंह रंधावा ने सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस और अकाली दल जैसे अन्य राजनीतिक दलों ने गैंगस्टरों को बढ़ावा दिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जग्गू भगवानपुरिया का परिवार उनके कार्यालय में आया है, तो उसमें कोई गलत बात नहीं है। रंधावा ने प्रश्न उठाया कि अगर जग्गू ने गलत राह पकड़ी है, तो उसके परिवार का क्या कसूर है। उनका बयान इस ओर इशारा करता है कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों की बिसात पर परिवार को बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए।
सुखजिंदर रंधावा ने इन आरोपों को और बढ़ाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता और उनके समर्थक, खुद गैंगस्टरों के साथ खड़े होते हैं। उन्होंने उदाहरण पेश करते हुए कहा कि जब वे एक उच्च सुरक्षा वाले इलाके में गए थे, वहां पर कई पुलिस अधिकारी एक गैंगस्टर गोपी गोली के साथ खड़े थे, जो खुद कई मामलों में शामिल है। इस बयान ने गुंडागर्दी और पुलिस की मिलीभगत पर सवाल उठाए हैं, जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता का इजहार किया जा रहा है।
जग्गू भगवानपुरिया, जो पहले कबड्डी का खिलाड़ी था, अब गैंगस्टर बन चुका है। यह सचाई उनकी दिशा परिवर्तन की ओर इशारा करती है। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने अपराध की दुनिया में नाम कमाया और पुलिस और प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गए। यही नहीं, जग्गू भगवानपुरिया के नाम से जाने जाने से पहले उनका असली नाम जसप्रीत था। वह एक अच्छी खासियत वाले खिलाड़ी रहे हैं लेकिन अपराध की ओर बढ़ने के बाद उनका नाम अब संगठित अपराधियों की सूची में शामिल हो गया है।
2022 में वह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस के साथ मिलकर सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की भी साजिश में शामिल रहे हैं। यह पूरा मामला पंजाब की गंभीर कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है, जहां राजनीतिक दल और गैंगस्टर एक दूसरे से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं। इस स्थिति ने पूरे पंजाब में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है और लोग अब सक्रियता के साथ सवाल उठा रहे हैं कि वास्तव में किसके हाथ में राज्य की सुरक्षा है। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब को सुरक्षा और व्यवस्था की आवश्यकता है, जहाँ अपराधियों का राज न हो और राजनीतिक दल मिशन की बजाय अपने कर्तव्यों का पालन करें।