कंगना के बयान से पंजाब की राजनीति में भूचाल, कांग्रेस-भाजपा ने की सख्त कार्रवाई की मांग

Share

हिमाचल प्रदेश की मंडी से सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट ने गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिससे पंजाब की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस बयान पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। भाजपा के सीनियर नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा है कि कंगना के विचारों में नाथू राम गोडसे का प्रभाव है। वहीं, कांग्रेस नेता डॉ. राज कुमार वेरका ने भी कंगना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि कंगना ने अब सारी सीमाएं पार कर दी हैं।

हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि कंगना, जो मंडी से सांसद भी हैं और लोकप्रिय फिल्म स्टार भी हैं, ने महात्मा गांधी को लेकर जो टिप्पणी की, वह बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि कंगना ने गांधी जी के प्रति अवमानना दिखाई है जबकि वे लाल बहादुर शास्त्री की कड़ी प्रशंसा कर रही हैं। ग्रेवाल ने यह भी कहा कि शास्त्री जी बापू के सबसे बड़े अनुयायी थे। ऐसे बयान से कंगना ने राजनीतिक असंवेदनशीलता दिखाई है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के योगदान को दरकिनार करना देश के प्रति अन्याय है और कंगना को इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए।

कांग्रेस नेता राज कुमार वेरका ने कंगना के बयान को देशविरोधी करार दिया है और कहा कि यह घातक है। उन्होंने यह भी कहा कि जब महात्मा गांधी का जयंती का दिन है, ऐसे समय में इस तरह की बातें बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने भाजपा से इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की है और कहा कि यह हैरान करने वाला है कि भाजपा इसके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

कंगना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस पूरे विवाद से जुड़ा एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि “देश के पिता नहीं, देश के तो लाल होते हैं। धन्य हैं, भारत मां के ये लाल।” इस पोस्ट के साथ उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री की फोटो भी साझा की। ज्ञात हो कि इस दिन महात्मा गांधी के साथ-साथ लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जा रही है। कंगना का यह बयान कई समीक्षकों की निगाह में बापू के प्रति disrespect को दर्शाता है।

इस विवाद को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने मीडिया के सवाल पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था “बुरा सुनते हैं तो कान बंद कर लो।” उन्होंने कंगना के बयान को लेकर हैरानी जताते हुए भाजपा से स्पष्ट नीति की मांग की, ताकि ऐसे मामलों में स्थिति सुस्पष्ट हो सके।

कुल मिलाकर, कंगना रनोट का यह बयान न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रहा है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय भी बन गया है। विभिन्न पक्षों के नेता इस पर अपने-अपने विचार रख रहे हैं और इसे लेकर अग्रिम कार्रवाई की उम्मीद भी जता रहे हैं।