संगरुर में नशा तस्करों का भंडाफोड़: 93150 लीटर शराब, 23 हजार रु. और हेरोइन जब्त!

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पंजाब के संगरुर में नशे और असामाजिक तत्वों के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत पुलिस ने हाल ही में कार्रवाई को तेज किया है। इस अभियान के तहत पुलिस ने नौ मामले दर्ज किए हैं और दस लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सरताज सिंह चहल ने बताया कि पिछले सप्ताह, यानि 21 सितंबर से 27 सितंबर के बीच पुलिस ने नशे के कारोबार से संबंधित 5 मामले दर्ज किए और इस क्रम में 6 आरोपियों को हिरासत में लिया गया। इस कार्रवाई के दौरान 21 ग्राम हेरोइन भी बरामद हुई है, जिससे नशे के खिलाफ पुलिस की सख्ती का संकेत मिलता है।

इस बीच, अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ भी कठोर कदम उठाए गए। इस दौरान तीन मामलों में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और 93,150 लीटर अवैध शराब के साथ एक भट्ठी भी जब्त की गई। इसके अलावा, जुआ अधिनियम के तहत एक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी हुई, जिसमें पुलिस ने 23,600 रुपये की राशि बरामद की। इस प्रकार, नशे के साथ-साथ जुआ और शराब के कारोबार पर भी अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने कदम उठाए हैं।

नशे की रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाने का उद्देश्य रखते हुए, एसएसपी चहल ने बताया कि पुलिस ने खेल क्लबों और समाज के प्रमुख व्यक्तियों के साथ कई बैठकें आयोजित की हैं। इन बैठकों का मकसद आम नागरिकों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें इसके खिलाफ खड़ा करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि युवाओं को नशे के खतरे और इसके दुष्परिणामों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जा रही है, ताकि वे इन काले धंधों से दूर रह सकें।

इसके अतिरिक्त, पुलिस ने 17 गांवों और कस्बों में विभिन्न राजपत्रित अधिकारियों द्वारा बैठकें आयोजित कीं हैं। इस पहल का लक्ष्य लोगों को नशा तस्करों के खिलाफ सूचनाएं देने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि इस सामाजिक समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके। एसएसपी चहल ने कहा कि नशे का कारोबार करने वालों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है, और नशे के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहेगी। इस अभियान के तहत स्थानीय समुदाय का सहयोग भी महत्वपूर्ण है, जिससे कि नशे जैसी समस्या पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।

इस सब के बीच, पुलिस की इन усилиयों ने स्थानीय लोगों में एक आशा की किरण पैदा की है कि नशे के इस ज्वाला को extinguish करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस की यह मुहिम न केवल कानूनी कार्रवाई तक सीमित है, बल्कि समाज की मानसिकता और दृष्टिकोण को बदलने की भी कोशिश कर रही है ताकि युवा पीढ़ी सही मार्ग पर चल सके।