पंजाब के अबोहर में आज दोपहर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति ने रेलगाड़ी के सामने कूदकर जीवन का अंत कर लिया। यह घटना सीतो रोड फाटक पर हुई और इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए शव अत्यंत क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। घटना का पता लगते ही स्थानीय जीआरपी और आरपीएफ की टीम वहां पहुंच गई। उन्हें नर सेवा नारायण सेवा समिति के सदस्यों की सहायता से शव की पहचान कर पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया।
सूत्रों के अनुसार, यह भयानक घटना लगभग दोपहर 12 बजे तब हुई जब एक रेलगाड़ी अबोहर से बठिंडा की तरफ जा रही थी। उसी समय एक 60 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने अचानक अपनी जान लेने के उद्देश्य से गाड़ी के आगे कूदने का निर्णय लिया, जिससे उसकी तत्काल मृत्यु हो गई। घटनास्थल पर उपस्थित फाटक मैन ने घटना की जानकारी तुरंत जीआरपी को दी, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची।
आरपीएफ के एएसआई सुरेश कुमार और जीआरपी के सुरेंद्र ने तुरंत कार्यवाही करते हुए शव को निकालकर समाजसेवी संस्था नर सेवा नारायण सेवा समिति के सदस्यों – बिट्टू नरूला, सोनू ग्रोवर, सोनू शर्मा और सुभाष चंद्र के सहयोग से सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखा। यह एक सामुदायिक प्रयास था जिसके तहत मृतक का सम्मान किया गया।
पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि मृतक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। उनके अनुसार, मृतक के पास एक मिट्टी रंग का कुर्ता और पजामा था, साथ ही एक लाल रंग का परना भी पाई गई। पहचान की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, शव को 72 घंटों के लिए मोर्चरी में रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की सूचना मिलने पर मृतक के परिवार से संपर्क किया जा सके। स्थानीय थानों को भी इसकी जानकारी दे दी गई है ताकि यदि कोई शख्स अपने लापता परिजन के बारे में पूछताछ करे, तो उचित सहायता प्रदान की जा सके।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या हमारे समाज में बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके जीवन की जगह तथा सुरक्षा को लेकर चिंतन की आवश्यकता नहीं है। अत्यधिक तनाव और अकेलेपन के कारण कुछ लोग ऐसे कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं। यह घटना हमारे समुदाय में देखभाल और समर्पण की भावना को बढ़ावा देने की आवश्यकता को इंगित करती है।