पंजाब में पटियाला की राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (आरजीएनयूएल) में एक विवाद ने तूल पकड़ लिया है, जब वाइस चांसलर (वीसी) ने कथित तौर पर छात्राओं के कपड़ों पर आपत्ति जताई थी। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि वीसी ने उनके गर्ल्स हॉस्टल की आकस्मिक चेकिंग के दौरान उनके कपड़ों के बारे में असंवेदनशील टिप्पणियां कीं। इस घटना ने छात्रों के बीच गहरी नाराजगी उत्पन्न की, जिसके बाद छात्राओं ने वीसी के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। रविवार को हुए इस घटना के बाद से छात्राएं धरने पर बैठ गई हैं और उन्होंने अपनी मांगें मनवाने के लिए ठान लिया है।
धरना रविवार दोपहर को वीसी रेज़ीडेंस के सामने शुरू हुआ। छात्राओं ने ‘नॉट यूअर डॉटर’ जैसे पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया और अपनी प्राइवेसी के अधिकारों का उल्लंघन होने का आरोप लगाया। जब वीसी ने मीडिया से बात करने से इनकार किया, तो यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर आनंद पंवार ने छात्राओं के आरोपों को अस्वीकार कर दिया। उनका कहना था कि अगर कोई समस्या है, तो छात्राओं को प्रशासन से मिलकर चर्चा करनी चाहिए। जबकि इधर, बख्शीवाला पुलिस थाने के इंचार्ज ने कहा कि उनके पास कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है।
धरने के दौरान, अन्य छात्रों ने भी छात्राओं का समर्थन किया और उनके साथ शामिल हो गए। माहौल को ध्यान में रखते हुए, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक 9 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने छात्राओं से एडमिन ब्लॉक में आने के लिए कहा, लेकिन छात्राओं ने वाइस चांसलर की अनुपस्थिति का हवाला देते हुए जाने से मना कर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक वीसी उनके सामने नहीं आते, वे अपनी मांगों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। छात्राएँ पूरी रात धरने पर बैठकर अपनी आवाज उठाती रहीं।
सोमवार रात को, छात्राएं यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर आ गईं, जहां उन्होंने जीएस सिंह की चेकिंग प्रक्रिया को गलत ठहराया। छात्रों का कहना था कि इस प्रकार की चेकिंग आधी रात को करना न केवल असामान्य है, बल्कि महिलाओं के प्रति सम्मान की कमी भी दर्शाता है। जब प्रोफेसर जेएस सिंह खुद प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और छात्रों के सवालों का सामना किया, तो वे उच्च शिक्षा में छात्रों के प्रति अपने कर्तव्यों की असहमति का सामना करने में असमर्थ दिखाई दिए। उनका यह बयान कि “किसी भी छात्रा से मिलना संभव है,” छात्रों ने इसे खारिज कर दिया।
समस्याओं के बढ़ने को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया, जिससे सभी छात्रों को घर जाने की अनुमति दी गई। हालांकि, छात्राओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपनी ज़िद पर अड़े रहेंगे। वीसी जेएस सिंह ने कहा कि वह हॉस्टल में संभावित अनुशासनहीनताओं की शिकायतों की जांच के लिए गए थे और उन्होंने किसी भी छात्रा के कपड़ों पर कमेंट करने से इनकार किया। इस स्थिति ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है और छात्राओं का आंदोलन जारी है। यह प्रकरण न केवल यूनिवर्सिटी के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक विचारणीय मुद्दा प्रस्तुत करता है।