नेपाल : सुप्रीम कोर्ट के जजों का स्टिंग ऑपरेशन दिखाने के आरोप में दो पत्रकारों को तीन महीने की सजा
काठमांडू, 30 सितंबर (हि.स.)। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों का स्टिंग ऑपरेशन दिखाने के आरोप में दो पत्रकारों को सजा सुनाई है। इन दोनों पत्रकारों को तीन महीने की सजा के अलावा 30 – 30 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा स्टिंग ऑपरेशन करने वाले व्यक्ति को भी सजा सुनाई गई है।
नेपाल में यूट्यूब चैनल के दो पत्रकारों को स्टिंग ऑपरेशन दिखाने के आरोप में सोमवार को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है। सीधाकुरा डॉट कॉम के प्रकाशक युवराज कंडेल और कार्यकारी संपादक नवीन ढुंगाना को सुप्रीम कोर्ट के ही कुछ न्यायाधीश का स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण किए जाने के आरोप में दोषी करार दिया गया है। यह पहली बार है जब किसी पत्रकार को स्टिंग ऑपरेशन दिखाने के मामले में दोषी करार देते हुए सजाई सुनाई गई है।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में 9 न्यायाधीशों के फुल बेंच ने स्टिंग ऑपरेशन करने वाले राजकुमार तिमिलसीना को 6 महीने की सजा सुनाई है। जबकि इसका प्रसारण करने के आरोप में पत्रकार युवराज कंडेल और नवीन ढुंगाना को 3 -3 महीने की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने आदेश में इस स्टिंग ऑपरेशन में दिखाए गई सामग्री को ‘फेक’ बताते हुए इसे अदालत की अवमानना की संज्ञा दी है। अपने फैसले में न्यायाधीशों ने इस स्टिंग ऑपरेशन के कारण अदालत के प्रति जनता का विश्वास कम करने और अदालत तथा न्यायाधीश के बारे में अफवाह फैलाने की बात कही है।
इस स्टिंग ऑपरेशन में सर्वोच्च अदालत में लंबित भ्रष्टाचार के बड़े मुद्दे को मिलाने के लिए किस तरह से बिचौलिए, वकील, पत्रकार और जजों की मिलीभगत होती है उसकी पूरी बातचीत को रिकार्ड किया गया है। इस पूरी बातचीत को ‘दी डार्क फाइल’ नाम देकर सिधाकुरा डॉट कॉम में कई एपिसोड में प्रसारण किया गया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों के अलावा कुछ नामचीन पत्रकारों, बिचौलिए की पूरी बातचीत रिकार्ड है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि इस स्टिंग ऑपरेशन को करने वाले व्यक्ति की नियत ही अदालत को बदनाम करने की दिख रही है इसलिए उसकी सजा में कोई कटौती नहीं होगी। साथ ही स्टिंग ऑपरेशन दिखाने वाले दोनों पत्रकारों ने यदि लिखित क्षमा याचना की और आगे से दोबारा इस तरह की घटना पुनरावृति न करने की प्रतिबद्धता जाहिर करने पर तीन महीने की सजा को घटाकर एक हफ्ते में बदलने की बात कही गई है। साथ ही क्षमायाचना नहीं करने पर सजा बरकरार रहने की भी बात कही गई है।
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