पंजाब के नवांशहर में मोटरसाइकिल लुटेरों का एक गिरोह, जो पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था, उसे आखिरकार सीआईए स्टाफ की मदद से पकड़ लिया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों पर पहले से ही जिले में तीन लूट के मामले दर्ज हैं। जब इनसे पूछताछ की गई, तो उन्होंने 14 वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की। जिनमें से 11 मामलों में पीड़ितों ने शिकायत दर्ज नहीं की थी। ऐसे मामलों की जानकारी जुटाने में पुलिस जुटी हुई है। एसपी (डी) डॉ. मुकेश कुमार ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
22 सितंबर को एक घटना में, गांव भान मजारा का निवासी नंदलाल अपनी बेटी को लेने के लिए लंगड़ोआ बस अड्डे पर गया था। लौटते समय, मोटरसाइकिल सवार तीन युवकों ने धारदार हथियार के बल पर उनकी बेटी का पर्स लूट लिया। पर्स में करीब 1600 रुपए और कुछ जरूरी दस्तावेज थे। नंदलाल ने जब खुद से इस लूट की खोजबीन की, तो उसने पाया कि उसका पर्स गांव सोना के रहने वाले हरकीरत सिंह, जसपाल सिंह भारटा खुर्द और जसप्रीत सिंह ने छीना है। थाना सदर पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर जांच की और इन आरोपियों को पकड़कर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।
एसपी (डी) ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों, हरकीरत सिंह और जसपाल के खिलाफ पहले से ही एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी हुई है कि ये आरोपी लूटे गए मोबाइल फोन किसे बेचते थे। नंदलाल के परिजनों ने यह भी जानकारी दी कि इनमें से कुछ आरोपियों ने इटली में रहने का दंभ भरा था, जबकि वे वास्तव में जालंधर में किराए के मकान में रहते थे और नवांशहर के आसपास वारदात वारदात को अंजाम देने आते थे।
दूसरी ओर, भारटा खुर्द का आरोपी जसप्रीत सिंह पूछताछ के दौरान यह बताता है कि उसने अपने परिवार और रिश्तेदारों को कहा था कि वह इटली में रह रहा है। लेकिन सचाई यह है कि वह नवांशहर में लूट एवं छीना झपटी की वारदात को अंजाम देने के लिए जालंधर का इस्तेमाल करता था। एसपी ने कहा कि इन तीनों आरोपियों पर बैरसियां, दुपालपुर और भान मजारा गांवों में धारदार हथियार के बल पर हजारों रुपए और मोबाइल फोन लूटने के आरोप हैं।
अब नवांशहर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें अदालत में पेश कर रिमांड के लिए आवेदन कर रही है। इस पूरे मामले में पुलिस का प्रयास है कि जितनी भी वारदातें इन आरोपियों ने की हैं, उनकी जांच हो सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके। पुलिस का यह कदम न केवल मोस्ट वांटेड लुटेरों को पकड़ने का एक प्रयास है, बल्कि यह आम जनता के बीच सुरक्षा का संदेश देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।