मानवाधिकार बोर्ड ने कैदी मौत मामले में लिया संज्ञान

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मानवाधिकार बोर्ड ने कैदी मौत मामले में लिया संज्ञान

जेल जाकर की जांच नशे का आदी था कुंदन, समय पर ड्रग्स नहीं मिलने के कारण तोड़ा दम: जेल अधीक्षक

पलामू, 13 सितंबर (हि.स.)।मानवाधिकार आयोग परिषद पलामू बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती संध्या देवी एवं लीगल सेल के सचिव सह अधिवक्ता रुचिर कुमार तिवारी, जिला कोऑर्डिनेटर सदस्य शीला कुजूर, मेंबर अंकित कुमार कश्यप ने शुक्रवार को कैदी कुंदन कुमार पांडे मौत मामले की जांच की। केन्द्रीय कारा में 11 सितंबर को कैदी कुंदन कुमार पांडे की मौत हो गयी थी। परिजनों जेल प्रशासन पर पिटायी से मौत हो जाने का आरोप लगाया था।

बोर्ड की अध्यक्ष एवं अन्य ने जेल अधीक्षक भागीरथ करजी एवं जेलर प्रमोद कुमार से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली। जेल अधीक्षक ने कहा कि कैदी कुंदन के साथ किसी भी प्रकार से मारपीट नहीं की गयी थी। मृत्यु का कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि कुंदन ड्रग्स का आदी था। जेल में नशा करने के लिए ड्रग्स नहीं मिलने के कारण मौत वाली रात 11 बजे उसके शरीर में ऐंठन एवं कंपन्न होने लगा था। जेल डॉक्टर रोहित पांडे ने उसका इलाज किया। सुधार नहीं होने पर सुबह 4 बजे जेल से एमआरएमसीएच मंे भेजा गया, जहां उसने दम तोड़ा।

रुचिर तिवारी ने सुनील कुमार नामक कैदी का आधार कार्ड नहीं बनने से बेल होने के बाद भी उसके जेल में बंद रहने की जानकारी दी। इस मामले में अधीक्षक एवं जेलर ने अभिलंब उसका आधार कार्ड बनवाने की बात कहीं। मानवाधिकार आयोग की टीम ने कहा कि जेल के अंदर भी कैदियों को मानव रहित व्यवस्था मिलनी चाहिए। यह उनका अधिकार है और मानवाधिकार आयोग पलामू इस पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है।

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