पंजाब सरकार के नए कैबिनेट मंत्रीमंडल में शामिल होने के बाद, आम आदमी पार्टी के विधायक मोहिंदर भगत ने आज शाम को जालंधर में अपने समर्थकों के द्वारा भव्य स्वागत का सामना किया। करीब पौने 6 बजे जब वह जालंधर पहुंचे, तब उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। जिला प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया, जिसमें जालंधर के डीसी हिमांशु अग्रवाल और स्थानीय पुलिस कमिश्नर के अधिकारी भी उपस्थित थे। इस खास मौके पर आम आदमी पार्टी के अन्य विधायक, जैसे रमन अरोड़ा और पूर्व एमएलए पवन कुमार टीनू, भी मौजूद रहे और भगत का स्वागत किया।
मोहिंदर भगत ने अपने पिता, पूर्व मंत्री चुन्नी लाल भगत से आशीर्वाद लेकर इस नए पद की जिम्मेदारी का आरंभ किया। उन्होंने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि उनकी इस उपलब्धि में पंजाब के आम आदमी पार्टी के नेताओं की कोशिश का योगदान है। उन्होंने अपनी पार्टी के हाईकमान का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनके क्षेत्र में लोगों से संवाद किया और उनके समस्याओं को ध्यान से सुना। भगत ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा में अपनी पहुँच केवल अपने लोगों की मेहनत के चलते ही बना सके हैं।
सीएम मान के साथ हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए भगत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने वादों को निभाते हुए उन्हें कैबिनेट में शामिल किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी हमेशा अपने वादों को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध रही है। यह बात उन्होंने विशेष रूप से दोहराई कि उन्हें इस विशेष अवसर पर मंत्री का पद मिलने की खबर उनके जन्मदिन के दिन आई।
मोहिंदर भगत ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी का एक बड़ा क्षण है और वह अपनी पार्टी की उम्मीदों पर खड़े उतरने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “आज का दिन मेरे लिए सिर्फ व्यक्तिगत खुशी का नहीं है, बल्कि यह पूरे पंजाब के लोगों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है।” पार्टी ने दिखाया है कि कैसे समर्पण और मेहनत से हर सपने को जीता जा सकता है। उनका यह दृढ़ निश्चय निश्चय ही पंजाब के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस मौके पर भगत ने अपने समर्थकों से यह भी कहा कि वह हमेशा जनता के बीच रहेंगे, उनकी समस्याओं को सुनेंगे और उन्हें हल करने के लिए काम करेंगे। ऐसे में, उनके मंत्री बनने से न केवल उनके लिए बल्कि उनके समर्थकों और पार्टी के लिए भी एक नई उम्मीद जगी है। अब देखना यह होगा कि भगत अपने इस नये पद का इस्तेमाल कैसे करते हैं और क्या वह अपने वादों पर खरे उतरते हैं।