होशियारपुर के मुकेरियां कस्बे में हाजीपुर मोहल्ले में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई, जब पुलिस अधिकारियों ने एक विवादित भूमि पर कूड़े के डंप को स्थापित करने के लिए कार्रवाई शुरू की। स्थानीय निवासियों ने उक्त कार्रवाई का vehement विरोध किया, जिससे पुलिस और मोहल्लावासियों के बीच झड़प हो गई। लोगों का साफ कहना है कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी तरह का कूड़ा डंप नहीं बनने देंगे।
मोहल्ले की एक महिला साक्षी ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन जिस क्षेत्र में कूड़े का डंप बनाने का प्रयास कर रहा है, वहां उनका पूरा मोहल्ला ही बसा हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि वहां से केवल कुछ ही मीटर की दूरी पर दो मंदिर और एक स्कूल स्थित हैं। यदि इस जगह पर कूड़े का डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया, तो यह उनके रहने के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर देगा। उन्होंने कहा, “हमारे लिए पूजा करना और बच्चों को स्कूल भेजना अत्यंत कठिन हो जाएगा।”
स्थानीय निवासियों का यह भी आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें इस विषय पर किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी है और न ही कोई आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है। इस प्रकार, जब प्रशासनिक अधिकारी अचानक जेसीबी मशीन लेकर आए, तो मोहल्ले के लोगों ने इस पर विरोध जताना शुरू कर दिया। इस दौरान हुई झड़प में पुलिस और महिलाओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
मोहल्लेवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन को मजबूर किया गया तो आने वाले समय में वे बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि प्रशासन और नागरिकों के बीच संवाद की कमी है। स्थानीय लोग यह चाहते हैं कि प्रशासन उनकी चिंताओं को सुने और समाधान निकाले।
जब इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने मीडिया से बात करने से साफ इनकार कर दिया। इस मामले ने न केवल स्थानीय निवासियों का ध्यान खींचा है, बल्कि यह एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है, जो नागरिक अधिकारों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के बीच संघर्ष को उजागर करता है। हालात को देखते हुए यह आवश्यक है कि प्रशासन इस मुद्दे की गंभीरता को समझे और स्थानीय निवासियों के साथ संवाद स्थापित करे ताकि एक सामंजस्यपूर्ण समाधान पाया जा सके।