रामगढ़ में अनाज घोटाला, आठ करोड़ के चावल-गेहूं गोदाम से गायब

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रामगढ़ में अनाज घोटाला, आठ करोड़ के चावल-गेहूं गोदाम से गायब

डीसी ने डीएसओ को सहायक गोदाम प्रबंधक पर कार्रवाई का दिया आदेश

रामगढ़, 20 सितंबर (हि.स.)। जिले में डीसी चंदन कुमार की सक्रियता से अनाज घोटाला उजागर हुआ है। रामगढ़ शहर के मरार स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम से लगभग 8 करोड रुपये के अनाज गायब हो गए हैं। यह घोटाला प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली ने किया है। उसने 14699.35 क्विंटल चावल और गेहूं गायब कर दिया है।

इस गोदाम में वर्ष 2019 के बाद से अब तक के कोई दस्तावेज अपडेट नहीं पाए गए हैं। पिछले 5 वर्षों में प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली ने काफी गुल खिलाया है। डीसी चंदन कुमार ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश जिला आपूर्ति पदाधिकारी को दिया है। डीसी ने बताया कि अभी इसकी पूरी रिपोर्ट बनाई जा रही है। इसकी और गंभीरता से जांच होगी, ताकि किसी भी स्तर पर घोटालेबाजों को राहत न मिल सके।

फर्श पर बिखरे थे चावल-गेहूं, सड़ गया 300 बोरी अनाज

डीसी चंदन कुमार ने बताया कि 18 सितंबर को जिला आपूर्ति पदाधिकारी रंजीता टोप्पो और प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रिना कुजूर के द्वारा झारखंड राज्य खाद्य निगम गोदाम का संयुक्त निरीक्षण किया गया। इस दौरान वहां भंडारित खाद्यान्न का भौतिक सत्यापन भी किया गया। इस दौरान वहां फर्श पर 167 क्विंटल अनाज बिखरे हुए और सड़े हुए हालात में पाए गए, जिसे लगभग 300 बोरियों में भरा गया है। जांच के दौरान गोदाम के फर्श पर बिखरे हुए गेहूं को 33 बोरियों में भरा गया। वजन करने पर वह 16.69 क्विंटल हुआ। चावल भी 277 बोरियों में भरा गया, जिसका कुल वजन 141.08 क्विंटल है। इसके अलावा चना, नमक और चीनी की बोरियों की जांच भी की गई।

5 वर्षों से अपडेट नहीं हुए दस्तावेज, खाद्यान्न का नहीं मिला स्टॉक

औचक निरीक्षण के दौरान जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने यह पाया कि फरवरी 2019 से अक्टूबर 2024 तक जितने भी खाद्यान्न विभिन्न योजनाओं के तहत इस गोदाम को आवंटित किए गए थे, उसका कोई रिकॉर्ड अपडेट नहीं है। उन्होंने बताया कि कल 14699.35 क्विंटल खाद्यान्न जिसमें चावल और गेहूं शामिल है वह नहीं पाए गए हैं। चीनी, नमक, दाल की मात्रा में भी आंशिक अंतर पाया गया है।

किन-किन योजनाओं में आवंटित किए गए थे खाद्यान्न

जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि डब्ल्यूबीएनपी योजना, आत्मनिर्भर भारत योजना को छोड़कर एनएफएसए योजना के तहत माह फरवरी 2019 से अक्टूबर 2024, कोविड-19 हेतु उपलब्ध कराए गए चावल, प्रभार में प्राप्त खाद्यान्न, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भंडारित सीएमआर चावल, जेएसएफएसएस योजना के तहत माह फरवरी 2021 से जुलाई 2022, पीएमजीकेएवाई योजना के तहत अप्रैल 2020 से नवंबर 2020, मई 2021 से दिसंबर 2022 तक, अन्नपूर्णा योजना के तहत आगत, निर्गत खाद्यान्न का मिलान किया गया।

पंजी देने से गोदाम प्रबंधक ने किया इनकार

जांच के दौरान गोदाम से संबंधित आगत, निर्गत एवं भंडारण पंजी की मांग की गई, परंतु प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली ने देने से साफ इनकार किया। साथ ही गोदाम प्रबंधक ने सारे दस्तावेज घर पर रहने की बात भी कही। इसके अलावा कुछ बोरों में भरे खाद्यान्न को जानबूझकर सड़ाने का प्रयास किया गया। आवंटित खाद्यान्न के विरुद्ध वितरण के पश्चात अवशेष मात्रा अनुसार खाद्यान्न गोदाम में नहीं पाया जाना खाद्यान्न कालाबाजारी की संभावना को प्रबल करता है, जो अत्यंत गंभीर मामला है।

एक दर्जन से अधिक बार मांगा गया रिपोर्ट

जिला आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली से दर्जनों बार स्पष्टीकरण मांगा गया है। वर्ष 2024 में ही दर्जनों पत्र उन्हें लिखे गए हैं। संजीव करमाली को बार-बार गोदाम से संबंधित पंजी उपलब्ध कराने, मासिक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने, कार्य प्रणाली में सुधार लाने, गोदाम से संबंधित वार्षिक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने तथा स्पष्टीकरण किया गया। परंतु उनके द्वारा किसी भी पत्र का ना तो जवाब समर्पित किया गया और नहीं अनुपालन किया गया।

24 घंटे के अंदर दे जवाब नहीं तो होगी प्राथमिकी

जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली को 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि वर्ष 2019 से अब तक आगत, निर्गत एवं भंडार पंजी के साथ उपस्थित होकर जवाब दें। अन्यथा यह माना जाएगा की आप दोष को स्वीकार करते हैं और आपके विरुद्ध निलाम पत्र वाद दायर करते हुए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत खाद्यान्न कालाबाजारी, सरकारी दस्तावेज को छुपाने आदि के आरोप में प्राथमिक की दर्ज एवं प्रपत्र क गठित कर निलंबन की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।

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