फाजिल्का की एक 98 वर्षीय बुजुर्ग महिला को सरकारी पेंशन प्राप्त करने के लिए अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, जो कि बहुत ही चिंताजनक और असामान्य है। यह बुजुर्ग महिला, जो कि करतारो भाई से है, अपनी बहू के साथ डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने बताया कि पेंशन के लिए मुख्यमंत्री सहायता केंद्र तक पहुंचने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। महिला ने स्पष्ट रूप से बताया कि बस के माध्यम से वह बड़ी मुश्किल से कार्यालय पहुंची और वहां पहुंचकर उन्हें बताया गया कि उपरी मंजिल पर जाना है।
इसके बाद, जब वह सीढ़ियों के माध्यम से उपरी मंजिल पर पहुंचती हैं, तो वहां काम करने वाले कर्मचारियों से यह नहीं पता चलता कि उन्हें किस कमरे में जाना है। न केवल उनकी उम्र के कारण चलने में कठिनाई होती है, बल्कि उन्हें दिशाओं की सही जानकारी भी नहीं मिलती। ऐसे में, कुछ युवा लोग उनकी मदद करते हैं और उन्हें सामाजिक सुरक्षा कार्यालय तक ले जाते हैं। यह स्थिति उस समय और भी चिंताजनक हो जाती है जब सामाजिक सुरक्षा विभाग में तैनात अधिकारी से बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि उनके पास तीन जिलों का चार्ज है और वह कभी-कभी ही कार्यालय आते हैं।
सामाजिक सुरक्षा कार्यालय के डेटा ऑपरेटर सुखविंदर सिंह ने भी बताया कि महिला यहां पेंशन के संबंध में आई थीं, और उन्हें यह सूचना दी गई थी कि उनकी पेंशन आ रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि सरकारी पहल “सरकार आपके द्वार” के अंतर्गत यह कैसे संभव है कि एक 98 वर्षीय बुजुर्ग महिला को पेंशन प्राप्त करने के लिए इन कठिनाइयों का सामना करना पड़े।
सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं का उद्देश्य ही लोगों को सरलता पूर्वक सेवाएं प्रदान करना है, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि वास्तविकता में क्या हो रहा है। इस मामले में उच्च अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए ताकि बुजुर्ग महिलाएं और अन्य लाभार्थी इसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करें। अधिकतम संबंध में इनका ध्यान रखना और उन्हें राहत प्रदान करना आवश्यक है।
प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर एक नागरिक, विशेष रूप से बुजुर्ग वर्ग को, अपनी आवश्यक सेवाएं प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। किसी भी प्रकार की विमर्श और प्रगति को ध्यान में रखते हुए, यह जरूरी है कि सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाया जाए और उन तक सीधी पहुंच बनाई जाए।