आज मोगा में किसानों ने बिजली की कटौती के खिलाफ कोट कपूरा जी टी रोड पर जाम लगा दिया। किसानों की मांग है कि उन्हें 8 घंटे की बिजली और पर्याप्त नहरी पानी उपलब्ध कराया जाए। उनका कहना है कि धान की फसल अब पकने जा रही है और इसे सही तरीके से उगाने के लिए बिजली और पानी की ज्यादा जरूरत है। कीर्ति किसान यूनियन के नेताओं ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने किसानों को 8 घंटे बिजली देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक यह वादा पूरा नहीं हुआ है। इससे किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है, क्योंकि उन्होंने पहले भी धरना और प्रदर्शन किए थे, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है।
किसान यह भी बता रहे हैं कि विश्वविद्यालय की अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार, धान की फसल के खेतों में 3 से 4 इंच पानी खड़ा होना अनिवार्य है, अन्यथा फसल प्राप्ति में कमी आ सकती है। लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है, जिससे वे अपने खेतों में पानी की आवश्यकता पूरी नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए, आज मोगा के कोट कपूरा जी टी रोड को बंद कर किसान सरकार से अपील कर रहे हैं कि खेतों के लिए 8 घंटे की बिजली और नहरी पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि उनके फसलों को नुकसान न हो।
किसानों की इस मांग के समर्थन में, उनके कई नेता और संगठन भी जुड़ गए हैं। वे मानते हैं कि यदि उनकी आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इसलिए, उन्होंने अपना विरोध तेज करने का निर्णय लिया है। किसान संगठन पंजाब सरकार से बार-बार अपनी समस्याएं उठाते रहे हैं, लेकिन जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखने का दृढ़ संकल्पित हैं।
किसान समुदाय का यह संकट न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। यदि समय पर आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए, तो न केवल धान की फसल बर्बाद हो सकती है, बल्कि यह किसानों की आजीविका पर भी गंभीर असर डालेगा।
अंत में, मोगा में किसानों द्वारा किया गया यह प्रदर्शन सरकार के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें अपने वादों की गंभीरता को समझना होगा। किसानों की स्थिति को लेकर चल रहा यह आंदोलन यह दर्शाता है कि कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान करना कितना आवश्यक है। यदि राज्य सरकार ने जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में हालात और अधिक गंभीर हो सकते हैं।