जालंधर | राज्यसभा में सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल को 2024 से विभाग-संबंधित पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी (डीआरएससी) के तहत एक महत्वपूर्ण वित्त संबंधी समिति में नियुक्त किया गया है। डॉ. मित्तल इससे पहले विदेश मामलों की समिति के सदस्य रहे हैं। डीआरएससी एक मिनी संसद के समान कार्य करती है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि होते हैं। यह समिति विभिन्न मंत्रालयों के कार्यों की निगरानी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
वित्त संबंधी समिति को विशेष महत्व प्राप्त है, क्योंकि यह देश की वित्तीय नीतियों, टैक्स व्यवस्था, बैंकिंग, और बीमा क्षेत्रों पर विधायी निगरानी का कार्य करती है। समिति की जिम्मेदारियों में शामिल हैं विधेयकों की समीक्षा करना, नीति दस्तावेजों का मूल्यांकन करना, और वित्त मंत्रालय एवं अन्य विभागों से बजटीय मांगों की जांच करना। हाल ही में, डॉ. मित्तल ने वित्तीय मामलों की इस समिति में शामिल होने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी जैसे अनुभवी सदस्यों के बीच स्थान पाया है। समिति की अध्यक्षता श्री भर्तृहरि महताब करेंगे।
डॉ. मित्तल ने इस नई जिम्मेदारी को लेकर आभार व्यक्त करते हुए कहा, “वित्त संबंधी समिति का हिस्सा बनकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।” यह नियुक्ति डॉ. मित्तल के अनुभव और विशेषज्ञता को देखते हुए की गई है, जो उन्हें वित्त और संसाधनों को बेहतर तरीके से समझने और सर्वोत्तम निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेगी। उनके पास विभिन्न मुद्दों पर विचार करने और महत्वपूर्ण नीतियों को आकार देने की क्षमता है।
डीआरएससी का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना और नीति निर्माण में योगदान देना है। यह समिति हमेशा समाज के समक्ष उपस्थित चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए प्रयासरत रही है। अब डॉ. मित्तल जैसे सशक्त प्रतिनिधि के साथ, उम्मीद की जा सकती है कि वित्त संबंधी समिति में नए विचार और दृष्टिकोण शामिल होंगे, जो राष्ट्रीय हित में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
यह नियुक्ति भारतीय संसद में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, जिसमें युवा और उत्साही नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से अलंकृत किया जा रहा है। यह कदम न केवल संसद के कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाएगा, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी सहायक होगा। डॉ. मित्तल की यह नई भूमिका उनकी राजनीतिक यात्रा में एक नई उपलब्धि के रूप में मानी जा सकती है, जिससे वे देश की आर्थिक नीतियों पर अपना प्रभाव डालने में सक्षम होंगे।