पंजाब के पटियाला में स्थित राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RGNUL) में हाल ही में हुए एक विवाद ने छात्राओं के बीच अत्यधिक नाराजगी पैदा कर दी है। यह मामला तब शुरू हुआ जब विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने बिना किसी पूर्व सूचना के गर्ल्स हॉस्टल में चेकिंग की, जिसमें उन्होंने छात्राओं के कपड़ों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। छात्राओं ने इस बात का विरोध करते हुए पिछले 6 दिनों से न्याय की मांग की है। अब इस संघर्ष में पंजाब सरकार भी शामिल हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद छात्रों से फोन पर बात की और उन्हें हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस विवाद के चलते, जबकि विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को फिर से कक्षाएं शुरू कीं, छात्राओं ने अपना विरोध जारी रखते हुए कक्षाओं का बायकॉट किया। उनकी शिकायत है कि इस चेकिंग के दौरान वाइस चांसलर ने न केवल उनकी निजता का उल्लंघन किया, बल्कि उनके पहनावे पर भी अनुचित टिप्पणियां कीं। इस मामले पर पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की है कि विश्वविद्यालय के चांसलर को तुरंत हटाया जाए। आयोग ने VC के व्यवहार को अत्यधिक अनुचित और प्रशासनिक भूमिका का उल्लंघन मानते हुए उनकी कार्यप्रणाली में गंभीर चिंताएं जताई हैं।
इस मामले में शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट मांगकर इस मुद्दे की गंभीरता का संवेदनशीलता से अध्ययन किया है। छात्रों की मांगों के प्रति साकारात्मक रुख अपनाते हुए उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इस विषय में जानकारी साझा की है। छात्राओं का आरोप है कि चेकिंग के समय विश्वविद्यालय में कोई महिला स्टाफ उपस्थित नहीं था, जो उनके अधिकारों एवं निजता का स्पष्ट उल्लंघन है।
इस विवाद की जड़ें तब विकसित हुईं जब वाइस चांसलर ने यह दावा किया कि उन्हें छात्राओं से शिकायतें मिली थीं कि हॉस्टल में रात में सिगरेट और शराब पी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चेकिंग करने का उद्देश्य केवल सुरक्षा सुनिश्चित करना था। हालांकि, छात्राओं ने उनके इस दावे को चुनौती देते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन करना उचित नहीं है।
इस घटना पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस घटना को शर्मनाक बताया और कहा कि छात्राओं को अपने पहनावे, खानपान और पाठ्यक्रम के चयन का अधिकार है। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला आयोग से कार्रवाई की मांग की है। इस विवाद ने न केवल विश्वविद्यालय की प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में ला दिया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्राएं अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी हुई हैं।
इस प्रकार, राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का यह मामला एक व्यापक चर्चा का केंद्र बन गया है, जिसमें छात्राओं की निजता, उनकी आत्म-सम्मान और प्रशासन की जिम्मेदारी पर विचार विमर्श हो रहा है।