सनातन धर्म पर टिप्पणी मामले में उदयनिधि स्टालिन की याचिका पर महाराष्ट्र व बिहार सरकार को नोटिस
नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में कुछ राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों राज्यों को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने स्टालिन को निचली अदालत में पेशी से छूट दे दी। इसके पहले 4 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन की खिंचाई करते हुए कहा था कि आपने संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिली अभिव्यक्ति के आजादी का दुरुपयोग किया। आपने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन किया। अब आप अनुच्छेद 32 के तहत कोर्ट का दखल चाहते हैं। कोर्ट ने स्टालिन से कहा था कि आप कोई आम नागरिक नहीं है, आप एक मंत्री हैं। आपको ये पता होना चाहिए कि आपके बयान का क्या असर होगा। उदयनिधि स्टालिन ने देश के विभिन्न हिस्सों मसलन उत्तर प्रदेश, बेंगलुरु, पटना, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़े जाने की मांग की है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पहले उदयनिधि स्टालिन को हाई कोर्ट जाने को कहा था। तब स्टालिन की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि उन्हें ऐसी सूरत में 6 हाई कोर्ट जाना होगा। ये दोषी साबित होने से पहले एक तरह से सजा देना होगा। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों के हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने एफआईआर जोड़े जाने का निर्देश दिया था।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय