-आगजनी कांड में मिली है सात साल की सजा
प्रयागराज, 04 जुलाई (हि.स.)। सपा विधायक इरफान सोलंकी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आगजनी मामले में कानपुर कोर्ट से मिली 7 साल की सजा के खिलाफ अपील दाखिल किया है। सोलंकी को अगर हाईकोर्ट से राहत मिलती है और अदालत उनकी सजा पर रोक लगाती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता भी बहाल हो सकती है।
आगजनी कांड में सजा पर रोक लगती है तो इससे उनकी विधानसभा सीट सीसामऊ पर होने वाला विधानसभा उप चुनाव भी रुक जाएगा। याची विधायक ने अपील में दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के फैसले को रद्द किए जाने की मांग की है। सजा को क्रिमिनल अपील दाखिल कर चुनौती दी गई है।
इसके अलावा अदालत का अंतिम फैसला आने तक सजा पर रोक लगाए जाने और इस मामले में जमानत दिए जाने की भी गुहार लगाई है। हाईकोर्ट में एमपी एमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही जस्टिस राजीव मिश्रा की सिंगल बेंच में अगले हफ़्ते अपील पर सुनवाई हो सकती है।
गौरतलब है कि कानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी को 7 साल की सजा सुनाई है और उन पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने दोनों भाइयों व अन्य लोगों को जाजमऊ आगजनी केस में 3 जून को दोषी करार दिया था। इसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट कानपुर ने 7 जून को सजा का ऐलान किया था।
डिफेंस कॉलोनी की रहने वाली नजीर फातिमा की ओर से 8 नवम्बर 2022 को कानपुर के जाजमऊ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। नजीर फातिमा ने सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत 12 लोगों पर घर को आग के हवाले करने का आरोप लगाया था। मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत कुल 12 अभियुक्त बनाए गए थे। इस मामले के बाद से ही सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। फिलहाल इन दिनों इरफान सोलंकी महाराजगंज जिला जेल में बंद है।