गौ आधारित खेती से स्वस्थ एवं रसायन मुक्त जीवन शैली सम्भव : कामेश्वर सिंह

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केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय किसान संगोष्ठी आयोजित

झाँसी, 06 जुलाई (हि. स.)। रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय किसान संगोष्ठी का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने बताया कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती के अनेकों लाभ हैं। इनमें स्वस्थ्य एवं रसायन मुक्त जीवन शैली प्रमुख है। गौ आधारित प्राकृतिक पर जन जागरण अभियान चलाने की आवश्यकता है।

झाँसी के प्रगतिशील किसान एवं किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामबिहारी गुप्ता ने प्राकृतिक खेती के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि इस खेती में उत्पन्न अनाज एवं सब्जियां उच्च कोटि की होती हैं तथा मृदा स्वास्थ्य में भी बढ़ोत्तरी होती है। उन्होंने एक किसान – एक गाय का नारा भी दिया। झाँसी जिले में प्राकृतिक खेती कर रहे किसान विनोद कुमार ने बताया कि पथरीली मृदा पर उन्होंने नया प्रयोग किया, इसमें गाय, गोबर गैस, जीवामृत को अपनाकर ड्रैगन फ्रूट, अंजीर, चीकू, अनार, नींबू, लाल चंदन आदि की खेती कर आय में वृद्धि हुई है।

प्राकृतिक खेती अपनाने वाले प्रगतिशील किसान शरद प्रताप सिंह, केशवदास गुप्ता, विनोद तिवारी एवं गुलाब अहिरवार ने भी अपने अनुभवों को साझा किया। अध्यक्षीय संबोधन में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती पर पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। इसी विषय पर वैज्ञानिक शोध एवं किसानों के मध्य प्रदर्शनी का आयोजन भी कर रहा है। भारत सरकार के कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. शिवेन्द्र सिंह ने प्राकृतिक खेती विषय पर विस्तार से जानकारी दी। अतिथियों द्वारा विवि में वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉ. संजीव कुमार, एवं 80 से ज्यादा प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।