दोस्त की नाबालिग बेटी से रेप के आरोपित निलंबित अधिकारी खाखा की पत्नी को नहीं मिली जमानत

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नई दिल्ली, 2 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने अपने दोस्त की नाबालिग बेटी से रेप के आरोपित दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की पत्नी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस सीटी रवि कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश में कोई भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 26 फरवरी को प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक खाखा पर आरोप है कि उसने नाबालिग लड़की के साथ नवंबर, 2020 और जनवरी, 2021 के बीच कथित तौर पर कई बार बलात्कार किया और उसे गर्भवती भी कर चुका है। इस मामले में खाखा को 21 अगस्त, 2023 को गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में है। खाखा की पत्नी सीमा रानी भी न्यायिक हिरासत में है। उस पर लड़की का गर्भपात कराने के लिए उसे दवा देने का आरोप है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीड़िता के पिता की 1 अक्टूबर, 2020 में मौत हो गई थी, जिसके बाद खाखा ने उसे अपने घर उसकी देखभाल के लिए बुला लिया था। पीड़िता खाखा को मामा कहकर बुलाती थी। खाखा की पत्नी ने पीड़िता को गर्भ हटाने वाली गोली खिलाई थी। दिल्ली पुलिस ने दोनों के खिलाफ पॉक्सो के विभिन्न प्रावधानों के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(एफ), 509, 506, 323, 313, और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज किया है। खाखा दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर था। मामला सामने आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया।