नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.)। केरल सरकार को कर्ज लेने की सीमा के मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने केरल सरकार की याचिका को संविधान बेंच को रेफर कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि मामले के लंबित रहने के दौरान सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केरल सरकार को 13608 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। प्रथम दृष्टया ये माना जाता है कि एक बार जब कोई राज्य सरकार केंद्र से उधार लेता है तो केंद्र की ओर से अगली भुगतान में कमी की जा सकती है। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार और केरल सरकार को बैठकर बात करने को कहा था।
दरअसल, केरल सरकार ने केंद्र सरकार पर राज्य की उधार लेने की सीमा कम करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। केरल सरकार का कहना था कि उनके पास राज्य सरकार के कर्मचारियों को डीए, पीएफ और पेंशन देने के लिए पैसे नहीं हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने राज्य की कर्ज लेने की सीमा को सही ठहराया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि अगर राज्य सरकारें अनियंत्रित उधार लेंगे तो इससे देश की क्रेडिट रेटिंग प्रभावित होगी और इससे वित्तीय स्थिरता पर भी खतरा रहेगा।