नाबालिग से दुष्कर्म मामला: निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी की वैधानिक जमानत याचिका खारिज

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नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी की वैधानिक जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने आज वैधानिक जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 11 अक्टूबर 2023 को चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और ट्रायल कोर्ट ने 8 नवंबर 2023 को चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया था। कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट तय समय सीमा के तहत दाखिल की गई है। ऐसे में वैधानिक जमानत नहीं दी जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि कोई आरोपित वैधानिक जमानत याचिका का हकदार तब होता है, जब जांच एजेंसी तय समय सीमा के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं करती है। इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की समय सीमा 60 दिन है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक खाखा की बेटी पर अपराध के लिए उकसाने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक खाखा पर आरोप है कि नाबालिग लड़की के साथ नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर कई बार दुष्कर्म किया और उसे गर्भवती भी कर चुका है। इस मामले में खाखा को पुलिस ने 21 अगस्त 2023 को गिरफ्तार कर लिया था और वह न्यायिक हिरासत में है। खाखा की पत्नी सीमा रानी भी न्यायिक हिरासत में है। उस पर लड़की का गर्भपात कराने के लिए उसे दवा देने का आरोप है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीड़िता के पिता की 1 अक्टूबर 2020 में मौत हो गई थी, जिसके बाद खाखा ने उसे अपने घर उसकी देखभाल के लिए बुला लिया था। पीड़िता खाखा को मामा कहकर बुलाती थी। खाखा की पत्नी ने पीड़िता को गर्भ हटाने वाली गोली खिलाई थी।

दिल्ली पुलिस ने दोनों के खिलाफ पॉक्सो के विभिन्न प्रावधानों के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(एफ) , 509, 506, 323, 313, और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। खाखा दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर था। मामला सामने आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है।