धोखाधड़ी में बैंक आफ इंडिया के पूर्व प्रबंधक को तीन साल की कैद

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नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बैंक ऑफ बड़ौदा की मुंबई के वॉकेश्वर रोड स्थित शाखा के पूर्व मुख्य प्रबंधक रामचन्द्र श्रीधर जोशी को दो अलग-अलग मामलों में तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

सीबीआई ने 12 मई 1994 को श्री रामचंद्र श्रीधर जोशी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ धोखा कर एक व्यक्ति के खाते में फर्जी तरीकों से 10.5 करोड़ की राशी पहुंचाई थी।

जांच के बाद 27 दिसबर 1996 को मुख्य प्रबंधक और एक निजी व्यक्ति सहित दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपित को दोषी पाया। अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई और तीन लाख जुर्माना लगाया। एक अन्य आरोपित अभियुक्त (निजी व्यक्ति) के खिलाफ मामला उसकी मृत्यु के कारण समाप्त कर दिया गया था।

एक अन्य मामले में श्रीधर जोशी को एक वर्ष के कठोर कारावास और 1,37,500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसमें उन्होंने 5 करोड़ की राशि को धोखाधड़ी के माध्यम से एक निजी व्यक्ति के खाते में स्थानांतरित करके बैंक को नुकसान पहुंचाया था।

जांच के बाद 24 दिसंबर 1996 को रामचन्द्र श्रीधर जोशी सहित चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त आरोपित को दोषी पाया और तदनुसार सजा सुनाई। मुकदमे के दौरान दो आरोपियों की मौत हो जाने के कारण उनके खिलाफ मामला खत्म कर दिया गया, जबकि एक अन्य आरोपी को आरोपमुक्त कर दिया।