जहां से आत्मा की यात्रा प्रारंभ हो वही घटयात्रा : मुनिश्री अविचलसागर

Share

घटयात्रा, ध्वजारोहण के साथ पंच कल्याणक महोत्सव का शुभारंभ

प्रतिष्ठाचार्य जय निशांत भैयाजी, मनीष जैन सम्मानित

झांसी, 10 दिसंबर (हि.स.)। नगर के सुप्राचीन जैन तीर्थस्थल करगुंवा जी में मुनिश्री अविचलसागर महाराज के मंगल सानिध्य में श्री पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के तत्वावधान में जिनेन्द्र देव को साक्षी मानकर गुरु आज्ञा से पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रथम दिन घटयात्रा, ध्वजारोहण, मण्डप उद्घाटन, वेदी शुद्धि सहित समस्त मांगलिक कार्य संपन्न हुए। इस मौके पर प्रतिष्ठाचार्य जय निशांत भैया एवं सह-प्रतिष्ठाचार्य मनीष जैन संजू को सम्मानित किया गया।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री अविचलसागर महाराज ने कहा कि जहां से आत्मा की यात्रा प्रारंभ हो जाए वह घटयात्रा होती है। सामान्य रूप से मिट्टी के घड़े को घट कहा जाता है लेकिन आध्यात्मिक दृष्टि से आत्मा को घट कहा जाता है।

मुनिश्री ने कहा कि पाषाण से परमात्मा बनने की इस पंचकल्याणक महोत्सव में ध्वजारोहण के वक्त ध्वजा का मुख पूर्व दिशा की ओर गई जो इस आयोजन सहित प्राणी मात्र के जीवों के लिए कल्याण का कारण सिद्ध होगा। इस अवसर पर भाजपा के महानगर जिलाध्यक्ष हेमन्त परिहार मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित रहे। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, डॉ पी.के. जैन एवं भाजपा नेता निशांत शुक्ला मौजूद रहे जिनका सम्मान तिलक लगाकर, माला पहनाकर पंचायत संवैधानिक अध्यक्ष अजित कुमार जैन (बीड़ी वाले), मुख्य संयोजक संजय सिंघई, राजीव जैन सिर्स, वरुण जैन, सौरभ जैन सर्वज्ञ, राजकुमार भण्डारी, विनोद जैन ठेकेदार, अशोक जैन रतनसेल्स, सुभाष जैन सत्यराज, देवेश जैन केडी, निशांत जैन, नितिन जैन, मनोज सिंघई, संदीप जैन कुक्कू, शुभम जैन जैरी, दिव्यांश जैन, आग्रह जैन ने किया।

पंच कल्याणक महोत्सव में 11 दिसंबर के कार्यक्रम

महोत्सव समिति के प्रचार प्रसार संयोजक सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया कि सोमवार 11 दिसम्बर को भगवान का गर्भकल्याणक के पूर्व रूप की मांगलिक क्रियाएं संपन्न होगी। प्रातः 6:40 बजे से श्रीजी का नित्य नियम अभिषेक, शांतिधारा, जिनबिम्ब स्थापना, सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, पूजन होगी। प्रातः 9:30 बजे मुनिश्री अविचलसागर महाराज के मंगल प्रवचन प्रातः 10:30 बजे नांदी विधान, दोपहर 01 बजे यागमण्डल विधान, सायं 07 बजे मंगल आरती, रात्रि 8:30 बजे से इंद्र दरबार, तत्व चर्चा, कुबेर इंद्र द्वारा रत्नवृष्टि, माता मरूदेवी की सेवा एवं सोलह स्वप्नों के कार्यक्रम दर्शाएं जाएंगे।