11HLEG16 मंदिर कॉरिडोर का निर्माण सरकार काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर करेगी
–सेवायतों व सरकार के बीच मंदिर के चढ़ावे को लेकर खींचतान जारी, सुनवाई 30 अक्टूबर को
प्रयागराज, 11 अक्टूबर (हि.स.)। मथुरा, बृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले में मथुरा के निवासियों ने भी याचिका में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है। सरकार की तरफ से आज पक्षकार बनाने को लेकर दाखिल अर्जी पर जवाब दाखिल करने की मांग की गई।
प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का निर्माण वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर करना चाह रही है। इस केस की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार डीटी (विराजमान भगवान) के नाम से मंदिर में पूजा पाठ व दान में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, परंतु कहा गया कि पैसा भगवान का है और उसे हम भगवान के लिए कॉरिडोर बनाने में उपयोग कर सकते हैं। कहा गया कि हम मंदिर का पैसा मंदिर के बाहर भी विकास कार्य करने में ले सकते हैं और इस पर सेवायत का कोई अधिकार नहीं है।
सरकार की तरफ से कोर्ट में अभी कहा गया की कॉरिडोर बनाने के लिए जमीन सरकार भगवान के नाम से ही खरीदेगा और इसके लिए मंदिर का पैसा लिया जा सकता है। कहा गया कि इसी प्रकार से काशी विश्वनाथ मंदिर का भी विकास किया गया है। मंदिर के चढ़ावे को लेकर 45 मिनट की बहस में सेवायतों व राज्य सरकार की खींचतान जारी रही। दोनों पक्षों ने अपनी पुरानी दलीलें पेश करते हुए एक दूसरे का विरोध किया।
सरकार की तरफ से दोहराया गया कि हम सिर्फ चढ़ावे व चंदे की रकम से कॉरिडोर का निर्माण करना चाहते हैं। यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। सरकार मंदिर के मैनेजमेंट में किसी तरह का दखल नहीं देना चाहती है। मंदिर से जुड़े लोगों को पहले की तरह ही सभी अधिकार बने रहेंगे।
दूसरी तरफ मंदिर से जुड़े लोगों ने कॉरिडोर का विरोध नहीं किया, किंतु कहा सरकार इसके लिए मंदिर का पैसा न ले। सरकार कारीडोर के नाम पर बृंदावन की कुंज गली व अन्य पौराणिक स्थलों का स्वरूप बिगाड़ना चाहती है। सरकार मंदिर मामले में दखलअंदाजी करना चाहती है। मंदिर की तरफ से साफ तौर पर कहा गया कि मंदिर को परंपरा के मुताबिक ही चलते रहने देना चाहिए।
मथुरा के सामाजिक कार्यकर्ता अनंत शर्मा व मधु मंगलदास के साथ ही अन्य लोगों ने याचिका दाखिल कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा इंतजाम करने की मांग की है। अनियंत्रित भीड़ के कारण मौतों का हवाला दिया गया है। सेवायतों को याचिका में पक्षकार बनाने की अर्जी के औचित्य पर सवाल खड़े कर पक्षकार बनाने का विरोध किया। गोस्वामियों व श्री बांके बिहारी ठाकुर जी विराजमान सहित अन्य लोगों को पक्षकार बनाने के मुद्दे पर कोर्ट फैसला सुनाएगी। इनकी तरफ से याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति करते हुए खारिज करने की मांग की गई। याचिका की सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।