04HREG407 मिट गये सनातन को मिटाने वाले, सनातन न मिटा है, न मिटेगा : देवकीनंदन महाराज
मथुरा, 04 सितम्बर (हि.स.)। तमिलनाडू मुख्यमंत्री स्टालिन के पुत्र उदयनिधि के सनातन धर्म पर विवादित बयान को लेकर धर्माचार्यो में रोष है। इसी क्रम में सोमवार को धर्मगुरू देवकीनंदन महाराज ने ऐसे सनातन विरोधी बयानों को सोची-समझी साजिश बताते हुये इस पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
रोष वयक्त करते हुये उन्होंने कहा कि सनातन को मिटाया नहीं जा सकता, इतिहास जानता है कि सनातन को मिटाने की बात करने वाले खुद मिट गये। लेकिन सनातन आज भी जीवित है और हमेशा रहेगा।
सोमवार वृंदावन स्थित छटीकरा मार्ग स्थित ठा. श्रीप्रियाकान्तजु मंदिर पर श्रीमद्भागवत कथा के दौरान देवकीनंदन महाराज ने कहा कि हम कितने सहनशील हैं कि कोई व्यक्ति मंदिर तोड़ दे, चाहे कोई हमारी रामायण जला दे या हिन्दू धर्म को गाली दे दे सवा सो करोड़ हिंदुओं को कोई फर्क नहीं पड़ता। कहीं ऐसा न हो कि आगे चलकर हमारी यह उदारता कायरता कहलाये। इसलिये अभी भी समय है अपने धर्म के प्रति जागरूक हों और ऐसे बयानवीरों को सवैंधानिक अधिकारों के माध्यम से बहिष्कृत करें।
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के नये बने गंठबंधन ‘आईएनडीआईए’ में अगर ऐसे सनातन धर्म विरोधी लोग रहे तो वह कभी सफल नहीं हो पायेगा। यह जान लें सनातन भारत की आत्मा है। यह जोड़ना सिखाता है तोड़ना नहीं। इसकी गलत व्याख्या करके हिंदुओं को तोड़ने की साजिश पुरानी है, लेकिन सफल नहीं होगी। भारत की सवैंधानिक व्यवस्था द्वारा ऐसे लोगों को दण्डित किया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि जो लोग कहते थे कि हिंदु असहिष्णु हैं वे बतायें कि और कितनी सहिष्णुता देखना चाहते हैं? अन्य धर्मों के ऊपर अगर कोई ऐसी टिप्पणी कर दे तो उसका जीना मुश्किल हो जाता है। यह सनातन ही है जो विरोधी को भी जीने का अधिकार देता है। लेकिन सहने की भी एक सीमा होती है, हिंदुओ को उद्वेलित करने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं ।