रतलाम: जिले में मूसलाधार बारिश को देखते हुए प्रशासन अलर्ट

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17HREG260 रतलाम: जिले में मूसलाधार बारिश को देखते हुए प्रशासन अलर्ट

रतलाम, 17 सितंबर (हि.स.)। जिला प्रशासन ने अतिवर्षा एवं इससे उत्पन्न स्थितियों को देखते हुए सोमवार 18 सितंबर को भी जिले के सभी स्कूलों एवं आंगनबाडिय़ों में अवकाश घोषित कर दिया है। यदि कही परिक्षाएं है तो वह परिक्षाएं अंतिम पेपर के बाद होगी। कलेक्टर नरेन्द्रकुमार सूर्यवंशी के अनुसार यह आदेश महाविद्यालयों के लिए लागू नहीं होंगे।

कलेक्टर सूर्यवंशी ने जिले में अतिवृष्टि को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। आपदा प्रबंधन संबंधित सभी तैयारियों के लिए जिला प्रशासन अलर्ट है। भारी वर्षा के कारण नदी- नाले उफान पर है। इसी कारण कई मार्ग भी बंद है। आगामी दो दिनों में नदी- नालों में अचानक पानी बढऩे, पिसलन व ट्रैफिक जाम जैसी स्थितियां निर्मित हो सकती है। ऐसी स्थिति में पुल-पुलियाओं पर वाहन निकाले जाने की सूचना प्राप्त होने पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नदी-नालों, रपटों के ऊपर दर्शनीय प्राकृतिक स्थान और आदि पर इस विषम परिस्थिति में जाने से बचे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सभी विभाग संवेदनशील तरीके से कार्य कर रहे है फिर भी हर मनुष्य का जीवन अमुल्य और बेशकिमती है। अतएव स्वयं भी सतर्क,सावधान और सुरक्षित रहे।

वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है,जिस पर बाढ़,अतिवृष्टि से संबंधित जानकारी दी जा सकती है।

बाजना विकासखंड में 11 इंच बारिश हुई

जिले में मुसलाधार बारिश का दौर जारी है। प्रात: 8 बजे समाप्त 24 घंटों में जिले में 190.50 मि.मी. औसत वर्षा हुई। सबसे ज्यादा बारिश बाजना विकासखंड में 282मि.मी., रावटी विकासखंड में 262, रतलाम में 242, सैलाना में 205, पिपलौदा में 190, ताल में 183, जावरा 121 तथा सबसे कम आलोट में 39 मि.मी. वर्षा हुई।

इस मौसम में सबसे अधिक बारिश बाजना विकासखंड में 1630 मि.मी., सैलाना में 1255, रावटी में 1204, जावरा में 1198, रतलाम में 1168, आलोट में 1096, ताल में 1009 तथा पिपलौदा विकासखंड में 925 मि.मी. वर्षा हुई है। इसप्रकार जिले में अभी तक 1185 मि.मी. वर्षा हुई, जबकि सामान्य औसत वर्ष 918.3 मि.मी. है।

जिले का मुख्य जलाशय धोलावाड़ बांध के पांचों गेट शनिवार को खोल दिए गए। अन्य जलाशयों में भी पानी लबालब भर गया है। भारी बारिश के कारण कई मार्ग अवरूद्ध हुए। रतलाम स्टेशन सहित कई अन्य रेलवे स्टेशनों पर पटरियों पर पानी आने के कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ। रतलाम स्टेशन पर भी कई पटरियां पानी में डूबी जाने के कारण कई ट्रेनें काफी विलंब से चली।