शिक्षा जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया : संजय श्रीवास्तव

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04HREG345 शिक्षा जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया : संजय श्रीवास्तव

प्रयागराज, 04 सितम्बर (हि.स.)। शिक्षा जीवन पर्यन्त तक चलने वाली प्रक्रिया है। शिक्षा मात्र डिग्री पा लेने से पूरी नहीं हो जाती। यह जीवन में हमेशा हमें सीखने का अवसर प्रदान करती है। सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य शिक्षा द्वारा ही मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास होता है।

उक्त विचार शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर टैगोर पब्लिक स्कूल के रसायन शास्त्र प्रवक्ता और एशिया पैसिफिक अवार्ड, राष्ट्रीय अमूल्य निधि शिक्षा अवार्ड, सर्वश्रेष्ठ विज्ञान शिक्षक अवार्ड और राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक अवार्ड से सम्मानित संजय श्रीवास्तव ने सोमवार को हिंदुस्थान समाचार प्रतिनिधि द्वारा साक्षात्कार में शिक्षा के संदर्भ में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में व्यक्त किया।

टैगोर पब्लिक स्कूल में लिए गये साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के ज्ञान, कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन शिक्षा द्वारा ही किया जाता है। शिक्षा जीवन की कठिनाइयों को चुनौती के रुप में स्वीकार करने का संबल देती है और एक आदर्श शिक्षक अपने छात्रों के जीवन में उनके लक्ष्य और सपनों को पूरा करने हेतु मार्ग प्रशस्त करता है।

उल्लेखनीय है कि, संजय श्रीवास्तव विज्ञान शिक्षा के लिए न केवल अपने जनपद के विद्यार्थियों में लोकप्रिय हैं, अपितु प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी भी अपनी वैज्ञानिक जिज्ञासा के समाधान के लिए सम्पर्क में रहते हैं। अपने अध्यापन के दौरान विगत पचीस वर्षों में उन्होंने लगभग दो हजार बाल वैज्ञानिकों को उनके लघु शोध के लिए गाइड किया और विभिन्न स्तरों पर प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया। इनके निर्देशन में बाल वैज्ञानिकों ने अनेकों बार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। राष्ट्रीय स्तर पर आप कई शोध पत्र पढ़ चुके हैं। पर्यावरण पर आपकी प्रकाशित पुस्तक पाठकों में काफी लोकप्रिय है।

राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के रिसोर्स पर्सन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित डी.एन.ए. क्लब के समन्यवक के रुप में प्रदेश के विभिन्न जिलों के विद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण, खाद्य पदार्थो में मिलावट की जाँच और पानी की गुणवत्ता की जाँच के लिए अनेकों व्याख्यान एवं प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। विज्ञान प्रदर्शनी के अलावा विज्ञान संगोष्ठी एवं सेमिनार आयोजित करके अनेकों बार विद्यार्थियों की विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। विज्ञान, कविता, वैज्ञानिक लेख एवं अपने शोध पत्रों द्वारा अपने छात्रों का ज्ञानवर्धन करने वाले शिक्षक संजय श्रीवास्तव विज्ञान के प्रति पूर्ण समर्पित एवं अपने विद्यार्थियों के लिए आदर्श हैं।