मप्रः कुबेरेश्वरधाम की कावड़ यात्रा ने तोड़े सारे रिकार्ड, 10 लाख से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल

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16HREG339 मप्रः कुबेरेश्वरधाम की कावड़ यात्रा ने तोड़े सारे रिकार्ड, 10 लाख से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल

– हेलिकाप्टर से हुई फूलों की बारिश, हर तरफ हर-हर महादेव, बम-बम भोले की गूंज

– 11 किमी तक 300 से अधिक स्थानों पर दिल खोकर क्षेत्रवासियों ने किया स्वागत

सीहोर/भोपाल, 16 अगस्त (हि.स.)। जिला मुख्यालय सीहोर में शहर की जीवनदायिनी सीवन नदी से समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर तक करीब 11 किलोमीटर निकाली गई कावड़ यात्रा ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। दस लाख से अधिक श्रद्धालु कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ पैदल चलकर यहां पर भगवान शिव का अभिषेक किया। विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित इस कावड़ यात्रा का यह दूसरा साल था।

अधिक मास की अंतिम अमावस्या पर बुधवार की सुबह कुबेरेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने सीवन नदी घाट पर पहुंचकर विधि-विधान से पूजन अर्चना के बाद कावड़ भरी और यात्रा का शुरुआत की। उसके बाद वे लाखों कांवड़ियों के साथ लगातार छह घंटे पैदल चलकर मंदिर परिसर में पहुंचे, यहां पर अभिषेक और आरती का आयोजन किया गया।

विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कांवड़ मेला सकुशल संपन्न हो गया है। इस साल की कांवड़ यात्रा ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले दो दिन में 10 लाख कांवडिए इस बार पहुंचे हैं, जबकि पिछले साल ढाई लाख कांवडिय़े मंदिर पहुंचे थे। सबसे अधिक संख्या में डाक कांवडिय़ों की रही।

उन्होंने बताया कि सीवन नदी घाट पर मोटर बोट और अन्य संसाधनों की सुविधा रखने के निर्देश दिए थे। देशभर से श्रद्धालु सीहोर पहुंचे। शहर की धर्मशालाएं, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं भीड़ ही नजर आ रही थी, भीड़ को देखते हुए स्टेट हाईवे से गुजरने वाले भारी वाहनों का मार्ग डायवर्ट किया गया। भोपाल से इंदौर जाने वाले भारी वाहनों को सीहोर-आष्टा मार्ग से न भेजकर ब्यावरा-भोपाल व अन्य मार्ग से निकाला गया। कई बार हाई पर जाम जैसी स्थिति बनी रही।

11 किलोमीटर डीजे, ढोल के साथ निकली यात्रा

कावड़ यात्रा 11 किलोमीटर तक निकाली गई। इस दौरान 300 से अधिक स्थानों पर कावड़ यात्रा की भव्य अगवानी की गई। कावड़ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां भी की गई थीं। यात्रा में शामिल होने के लिए दो-तीन दिन पहले से ही कुबेरेश्वर धाम पर कावडिय़ों का जमावड़ा भी लगने लगा था। दूर-दूर से कावड़ लेकर यात्री यहां पहुंचे। इसके बाद सभी कावड़ यात्रा में शामिल हुए। कावड़ यात्रा में डीजे, ढोल, बग्गी, घोड़े भी शामिल रहे। इस दौरान कावड़ यात्रियों पर हेलिकाप्टर से फूलों की वर्षा की गई। इस दौरान नजारा देखने ही लायक था। हर कोई इस नजारों को अपने मोबाइल के कैमरों में कैद करने में जुट गया तो वहीं हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पूरा वातावरण शिवमय हो गया।

जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान

कावड़ यात्रा के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कावड़ यात्रा का उद्देश्य जहां सीहोर नगर की जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान है तो वहीं पवित्र मास सावन में अमावस्या पर कावड़ से भगवान शिव पर जल चढ़ाने का महत्व भी है। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को अद्भुत संयोग पर निकली कावड़ यात्रा भक्ति का सैलाब है। अधिक मास की अमावस्या और सावन का जो मिलन हुआ है। यह काफी दिव्य योग है। उन्होंने कहा कि सभी भक्त कम से कम एक लौटा जल अपने- अपने गांव, अपने-अपने शहर, अपने-अपने घरों में स्थित शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं। जो भी भक्त श्रद्धाभाव से भगवान भोलेनाथ शिव बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं, जल चढ़ाते हैं उन पर बाबा अवश्य कृपा करते हैं।

समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि यात्रा को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देशानुसार क्षेत्रवासी और सभी समाजजन अपने-अपने स्तर से लगे रहे। कावड़ यात्रा में अनेक साधु-संत, जनप्रतिनिधि सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा के आयोजन को कर पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला सहित समिति के लोग कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जोर-शोर से तैयारियों में लगे रहे। सभी के सहयोग से भव्य कावड़ यात्रा ने इतिहास बनाया।