02HREG93 यति नरसिंहानंद गिरी ने पोप और पुतिन को खून से लिखा पत्र
हरिद्वार, 2 जुलाई (हि.स.)। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने रविवार को परशुराम घाट पर अपने रक्त से ईसाई धर्मगुरू पोप और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने हिंदू धर्मगुरुओं और हिंदू नेताओं की गलतियों से सबक लेने को कहा है। यह दोनों पत्र महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की प्रतिनिधि डॉ उदिता त्यागी दिल्ली में पोप के प्रतिनिधि और रूस के दूतावास को सुपुर्द करेंगी।
महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरी ने सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरु पोप को अपने पत्र में लिखा कि आज आपको इस्लामिक जिहाद के परिपेक्ष्य में हिन्दुओं की स्थिति का ठोस अध्ययन करना चाहिए। हिन्दुओं की स्थिति से शिक्षा लेते हुए वो गलतियां नहीं करनी चाहिए जो हमने, हमारे धर्मगुरुओं ने और हमारे नेताओं ने की। हम हिंदू इस्लामिक जिहाद के विगत 1300 से भी अधिक वर्षों से सबसे निरीह शिकार हैं। इस्लाम के जिहादियों ने हमारे करोड़ों लोगों को मारा। हमारे लाखों मठ मंदिरों को तोड़ कर उन पर मस्जिदें बना ली। हमारे अधिकांश भूभाग पर कब्जा कर लिया। आज हमारे पास सम्पूर्ण विश्व में भारत के अलावा कोई और शरणस्थली नहीं बची है। हमारे तथाकथित धर्मगुरु इस स्थिति को देखते रहे पर उन्होंने इस बुराई को समाप्त करने या इससे संघर्ष करने का कोई ठोस प्रयास कभी नहीं किया।
पत्र में आगे लिखा कि अगर आपने और अन्य ईसाई धर्मगुरुओं ने भी हिन्दू धर्मगुरुओं की तरह सम्पूर्ण विश्व में इस्लाम के बढ़ते हुए मारक प्रभाव को अनदेखा किया तो जो आज हिन्दुओं के साथ हो रहा है, कल आपके समाज के साथ भी वही होगा।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन को लिखे पत्र में कहा कि उन्होंने जो अभी 28 जून को कुरान को लेकर कहा है, वो कुरान के प्रति उनकी अज्ञानता को प्रदर्शित करता है। उन्हें कुरान और इस्लाम के इतिहास का विस्तृत अध्ययन करना चाहिये।
इस अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा राष्ट्र अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक,भगवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, पंडित गिरीश मिश्रा, पवन भारती,रविकांत शर्मा, सुमित तिवारी, पीएस लोहिया, डाक्टर कुंवर सिंह, बबिता सैनी, रेनू भारद्वाज, हिमांशु राजपूत, मोहित चौहान, एडवोकेट अरविंद श्रीवास्तव, शुभम भारद्वाज, कुलदीप शर्मा, विष्णु गौड़ आदि मौजूद थे।