04HREG146 सफलता के शिखर पर मुस्कुराई मेधा, कामिनी ने विश्व पटल पर भरी उड़ान
– मीरजापुर की बेटी ने देश का नाम किया रौशन, सिंगापुर में बनी प्रोफेसर
– कामिनी की सफलता पर गत तीन जुलाई को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
मीरजापुर, 04 जुलाई (हि.स.)। सफलता के शिखर पर मुस्कुराई मेधा…। मीरजापुर की बेटी कामिनी ने सिंगापुर में प्रोफेसर बनकर विश्व पटल पर उड़ान भरी है। सिटी ब्लाॅक के मुंहकुंचवा निवासी कामिनी सिंह ने आईआईटी से पीएचडी एवं कैलिफोर्निया से पीडीएफ किया है। कामिनी की सफलता पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गत तीन जुलाई को उन्हें सम्मानित किया और आईआईटी कानपुर के प्रांगण में आयोजित दीक्षांत समारोह कामिनी के सम्मान का साक्षी बना।
तीन बहनों में सबसे बड़ी कामिनी का चयन सिंगापुर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी सिंगापुर में प्रोफेसर के पद पर हो चुका है। तीन जुलाई को सम्मान ग्रहण करने के बाद कामिनी सिंगापुर के लिए प्रस्थान कर गई। बेटी की इस उपलब्धि पर परिजन समेत गांव में खुशी का माहौल है।
गांव के प्राथमिक विद्यालय से हुई कामिनी की प्रारंभिक शिक्षा
कामिनी की प्रारंभिक शिक्षा मड़िहान ब्लाक के पचोखरा प्राथमिक विद्यालय से आरंभ हुई। कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उसने आदर्श बालिका इंटर काॅलेज गणेशगंज से किया। इसके बाद सुल्तानपुर से बीटेक, पंजाब से एमटेक करने के बाद कानपुर आईआईटी से पीएचडी किया है।
नंदलाल के परिवार की सफलता की कहानी
कामिनी के पिता नंदलाल सिंह सदर तहसील में राजस्व निरीक्षक थे। इसी वर्ष वे सेवानिवृत्त हुए हैं। अब वे खेती-किसानी कर रहे हैं और माता चंद्रलेखा सिंह गृहणी हैं। नंदलाल की तीन पुत्री कामिनी, पद्मिनी और मंदाकिनी हैं। सबसे बड़ा इकलौता पुत्र राज कपूर सिंह मलेशिया में ट्रिपल आईटी करने के बाद सर्विस कर रहा है। दूसरे नंबर की बेटी पद्मिनी कैडला कंपनी सिक्किम में जीएम है। सबसे छोटी पुत्री मंदाकिनी अमेरिका में अमेजन कंपनी में काम कर रही है।
कामिनी की सफलता पर खुशी का ठिकाना नहीं
कामिनी की सफलता पर माता-पिता का खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चों ने अपनी मेहनत से अच्छा अंक प्राप्त किया है। इसके चलते उनकी फीस सरकार ने दी। उन्हें केवल हाॅस्टल और खाने का भुगतान करना पड़ा।