18HREG482 लैंगिक समानता और समावेशन की दिशा में प्रयासों के लिए भारत सरकार ने की बीएचयू की सराहना
— गति कार्यक्रम के क्रियान्वयन की दिशा में हुई प्रगति के लिए विश्वविद्यालय बना “गति अचीवर”
वाराणसी,18 जुलाई(हि.स.)। लैंगिक समानता तथा समावेशन की दिशा में सराहनीय प्रयास करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की प्रशंसा की है। विश्वविद्यालय को “गति अचीवर” के रूप में मान्यता भी प्रदान की गई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के परिकल्पित गति (संस्थानों में बदलाव के लिए लैंगिक समानता) कार्यक्रम के तहत कार्य के लिए विश्वविद्यालय को यह सम्मान प्राप्त हुआ है। इस पहल का उद्देश्य स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और गणित) में महिलाओं की भागीदारी को गति प्रदान करना है। इसकी शुरूआत वर्ष 2020 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा की गई थी।
इस बारे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, ने कहा है कि “बीएचयू के अनुकरणीय कार्य ने सभी स्तरों पर महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कार्य योजना बनाकर आगामी कदम उठाने की अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी है।” इस कार्यक्रम के माध्यम से स्टेम में महिलाओं कें लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए यह प्रतिष्ठित उपलब्धि संस्थानों के लिए अपनी तरह की पहली मान्यता है। यह मान्यता अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगी।
विश्वविद्यालय में कार्यक्रम की नोडल वैज्ञानिक प्रोफेसर मधुलिका अग्रवाल के नेतृत्व में बीएचयू के गति स्व-मूल्यांकन समूह द्वारा अथक प्रयास किये गए, जिनकी तारीफ करते हुए अपने बधाई संदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने समूह के अनवरत कार्य की चर्चा की। इसमें कहा गया है कि इस मान्यता के साथ, बीएचयू अन्य संस्थानों के लिए जो इस पहल में भाग लेने के इच्छुक हैं एक आदर्श बन गया है। प्रोफेसर मधुलिका अग्रवाल ने उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा लैंगिक समानता की दिशा में गत वर्षों में अनेक नीतियां लागू की गई हैं। इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर महिलाओं के लिए आरंभ अनुकूल व श्रेष्ठ प्रणालियों से न सिर्फ उनका उत्साहवर्धन हुआ है बल्कि उनके कार्यक्षेत्रों में भी प्रगति का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
प्रो. अग्रवाल ने कहा कि कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के नेतृत्व व मार्गदर्शन में गति कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन को और तेज़ी मिली है। उन्होंने इस संबंध में विभिन्न गतिविधियों व कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए टीम के सदस्यों व परियोजना सहायकों का भी आभार जताया है।
विश्वविद्यालय के गति समूह में प्रो. रोयना सिंह (आईएमएस), प्रो. एल. एम. अग्रवाल (आईएमएस), प्रो. नीलम श्रीवास्तव (महिला महाविद्यालय), प्रो. बी. के. सिंह (विज्ञान संस्थान), प्रो. प्रत्यूष शुक्ला (जैवप्रौद्योगिकी स्कूल), डॉ. मंजरी गुप्ता (डीएसटी-सीआईएमएस), प्रो. वी. के. मिश्रा (आचार्य प्रभारी, दक्षिणी परिसर), डॉ. सुनीता वर्मा (पर्यावरण संस्थान), डॉ. थुप्तेन टी. सोमू (कृषि विज्ञान संस्थान) तथा संयुक्त कुलसचिव डॉ. सुनीता चन्द्रा शामिल हैं।