02HNAT35 जी-20 प्रतिनिधियों ने ट्राइबल म्यूजियम, सांची स्तूप और प्रदर्शनी से जानी मध्य प्रदेश की संस्कृति
भोपाल, 02 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में आयोजित दो दिवसीय जी-20 के सिविल सेवा समिट का रविवार को समापन हुआ। समिट के समापन के बाद जी-20 देशों से आए प्रतिनिधियों को प्रदेश की संस्कृति और इतिहास से परिचय कराने के लिए भोपाल के ट्राइबल म्यूजियम, रायसेन जिले में स्थित सांची स्तूप का भ्रमण करवाया गया।
कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में रेस्पांसिबल टूरिज्म मिशन और सेवा क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों के कार्य की प्रदर्शनी लगाई गई। जी-20 के प्रतिनिधियों का ट्राइबल म्यूजियम में स्थानीय जनजातीय संस्कृति और सांची स्तूप से प्रदेश के ऐतिहासिक वैभव से साक्षात्कार हुआ।
प्रदर्शनी में एकात्म धाम, संस्कृति और पर्यटन विभाग, गोंड पेंटिंग, वनवासी कल्याण परिषद, नर्मदा समग्र, भारत विकास परिषद, शिवगंगा समग्र ग्राम विकास परिषद जैसे सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं के पदाधिकारियों ने प्रदेश में हो रहे सेवा कार्यों के बारे में जानकारी दी। साथ ही प्रदेश की कला और हस्तशिल्प से परिचय करवाया।
सम्मेलन का दूसरा दिन
इससे पहले सम्मेलन के दूसरे दिन पहले सत्र में विकास की प्रक्रिया, सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने में सेवा के मार्गदर्शक सिद्धांतों पर चर्चा हुई। इसमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष अरुण मिश्रा और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम ने अपने विचार रखे। नीति आयोग के सीनियर कंसलटेंट आनंद शेखर ने सत्र का संचालन किया।
दूसरे सत्र में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के डायरेक्टर जनरल बीआर नायडू, मध्यप्रदेश राज्य नीति और योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी एवं समाजसेवी सुधांशु मित्तल ने सेवा और सुशासन पर विचार रखे। दूसरे सत्र का संचालन एसडीएम जावद (नीमच) शिवानी गर्ग ने किया। दूसरे दिन के अंतिम सत्र में सेवा के द्वारा सामाजिक विकास में आध्यात्मिक संगठनों की भूमिका पर वक्ताओं ने विचार रखे। सत्र में अक्षय पात्र फाउंडेशन के भारतरशभा दास, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के फाउंडर आशीष गौतम और अर्श विद्या मंदिर के फाउंडर और हिंदू धर्म आचार्य सभा के सेक्रेटरी जनरल परमात्मा नंद सरस्वती ने अपने विचार रखे। गोवर्धन इकोविलेज के डायरेक्टर गौरंग दास ने संचालन किया।
सिविल 20 सेवा वर्किंग ग्रुप की अनुशंसाएं
सिविल सम्मेलन (सी-20) के दो दिवसीय मंथन में सेवा वर्किंग ग्रुप की सेवा पॉलिसी, नवाचार और बेस्ट प्रेक्टिसेज पर चर्चा हुई और 7 अनुसंशाएं प्रस्तुत की गईं।
– राष्ट्रों के बीच क्रॉस-कंट्री लर्निंग, सहयोग और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जी 20 देशों से अनुकरणीय सेवा प्रथाओं का संकलन करना।
– सेवा “वसुधैव कुटुम्बकम्” के दर्शन को बढ़ावा देने वाले नागरिक समाजों/स्वैच्छिक संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क स्थापित करना, जिससे विश्व स्तर पर सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके।
– सरकार द्वारा सामाजिक कार्यों में बड़े पैमाने पर भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय सेवा अभियान करना।
– सार्थक जीवन को बढ़ावा देने के लिए एक नीति/मॉड्यूल विकसित करना और सेवा को स्वयं-सेवा और परोपकार जैसी नि:स्वार्थ सेवा के लिए एक समावेशी शब्द के रूप में स्थापित करना।
– सेवा के लिए सभी परियोजनाओं और कार्यक्रमों को एक विकास उपकरण के रूप में उपयोग कर संगठन और व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना। इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर सेवा की सुविधा के लिए व्यक्तियों और सीएसओ का एक वैश्विक गठबंधन स्थापित करना भी है।
– सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने और स्वयंसेवी गतिविधियों में बच्चों और युवाओं को शामिल करने के लिए अकादमिक पाठ्यक्रमों में सेवा मॉड्यूल की शुरुआत करना।
– राष्ट्र-निर्माण के लिए बुजुर्गों और सेवानिवृत्त लोगों के कौशल और ज्ञान का उपयोग करके, बुजुर्ग आबादी के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली स्थापित करना।