हॉकी इंडिया ने दीप ग्रेस एक्का को 250 अंतरराष्ट्रीय मैच पूरे करने पर दी बधाई

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20HSPO10 हॉकी इंडिया ने दीप ग्रेस एक्का को 250 अंतरराष्ट्रीय मैच पूरे करने पर दी बधाई

नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी डिफेंडर दीप ग्रेस एक्का ने आज 250 अंतरराष्ट्रीय मैच पूरे कर लिए हैं। उन्होंने यह उपलब्धि एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे मैच में हासिल की।

सुंदरगढ़ जिले के लुल्कीडीही गांव की रहने वाली 28 वर्षीय दीप ने अर्जेंटीना में चार देशों के टूर्नामेंट के दौरान 2011 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया था और तब से वह राष्ट्रीय टीम का अभिन्न हिस्सा हैं।

वह रियो ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थीं। इसके अलावा वह महिला एशिया कप 2013 में कांस्य पदक, 2016 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण, 2017 में एशिया कप में स्वर्ण, 2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में रजत, 18वें एशियाई खेलों जकार्ता-पालेमबांग में रजत और बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रही हैं।

उन्होंने 2022 में स्पेन में उद्घाटन एफआईएच महिला नेशंस कप में भारत की स्वर्ण पदक जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अर्जुन पुरस्कार विजेता दीप ग्रेस एक्का ने कहा, “मुझे 250 अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का प्रतिनिधित्व करने पर बेहद गर्व महसूस हो रहा है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे कुछ ऐसा करके अपने देश के लिए खुशी और सम्मान लाने का अवसर मिला है जिसे मैं वास्तव में प्यार करती हूं। जब भी मैं अपने देश के लिए खेलने के लिए मैदान पर कदम रखती हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। भारतीय टीम के साथ अब तक का सफर शानदार रहा है। मुझ पर हमेशा विश्वास दिखाने और हर संभव तरीके से मेरा समर्थन करने के लिए हॉकी इंडिया और ओडिशा राज्य सरकार का विशेष धन्यवाद। मुझे आशा है कि हम एक टीम के रूप में अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे और अपने देश को गौरवान्वित करना जारी रखेंगे।”

इस बीच, ग्रेस को बधाई देते हुए, जैसा कि उनके साथी उन्हें प्यार से बुलाते हैं, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद्म श्री दिलीप टिर्की ने कहा, “मैं भारत के लिए 250 अंतरराष्ट्रीय कैप्स पूरा करने पर दीप ग्रेस एक्का को बधाई देना चाहता हूं। वह एक ऐसी खिलाड़ी हैं जो न सिर्फ भारत के डिफेंस में स्थिरता लाती हैं बल्कि पेनल्टी कार्नर स्पेशलिस्ट की अहम भूमिका भी निभाती हैं। पदार्पण के बाद से 12 वर्षों के दौरान उनका योगदान बहुत अधिक रहा है और उन्होंने कई पदक जीते हैं। मैं एक्का को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देना चाहता हूं और आशा करता हूं कि वह देश का नाम रोशन करने का अपना प्रयास जारी रखेंगी।”