केजीएमयू के चिकित्सकों ने शिक्षक को दिया नया जीवन

Share

19HREG160 केजीएमयू के चिकित्सकों ने शिक्षक को दिया नया जीवन

लखनऊ,19 अप्रैल (हि.स.)। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने ब्लैक फंगस से ग्रसित एक 56 वर्षीय स्कूल शिक्षक के जबड़े व चेहरे को ठीक कर नया जीवन देने का काम किया है।

कोविड की दूसरी लहर में मरीज खतरनाक ‘ब्लैक फंगस’ या म्यूकोर्मिकोसिस की चपेट में आ गया था जिससे उनके दाहिने चेहरे का अधिकांश भाग नष्ट हो गया था। 2021 में एम्स ऋषिकेश में जीवन बचाने के लिए उनकी सर्जरी हुई, लेकिन इसके बाद भी मरीज की दाहिनी आंख, ऊपरी जबड़ा और दांत सहित लगभग आधा चेहरा खो दिया। इससे सामान्य खाना, निगलना, बोलना और कक्षाएं लेना लगभग असंभव हो गया। चेहरा बुरी तरह प्रभावित हुआ। इससे उसके लिए लोगों और समाज का सामना करना एक बड़ी चुनौती थी। मरीज उपचार के लिए केजीएमयू लखनऊ के मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थेटिक यूनिट, प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग आया।

मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थेटिक यूनिट के प्रभारी प्रो.सौम्येंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि उपचार जटिल था लेकिन रोगी को ठीक करने में नौ महीने लगे। रोगी को अब खाने व बोलने में कोई दिक्कत नहीं है।

विभागाध्यक्ष प्रो. पूरन चंद ने साझा किया कि डिजिटल स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री का उपयोग करके ऑर्बिटल प्रोस्थेसिस जो कि सिलिकॉन पदार्थ से बनती है, को वास्तविक त्वचा जैसा बनाया गया। चिकित्सकों की टीम में प्रो.जितेंद्र राव, डॉ. दीक्षा आर्य, डॉ. ए. सुनयना व अन्य सदस्य शामिल थे। रोगी ने बताया कि वह अब अध्यापन फिर से शुरू करेंगे और सेवानिवृत्ति के बाद भी मुफ्त में शिक्षण जारी रखेंगे।

केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थेटिक यूनिट द्वारा किए गये काम की सराहना की और कहा कि यूनिट की उन्नति की योजना बनाई जा रही है।