01HREG446 रंगभरी एकादशी उत्सव : दूसरे दिन गौरा के अचल सुहाग की कामना के साथ गाये गए मंगल गीत
-महंत आवास में ‘चला हो गौरा ऊंचे पहड़वा, तोहरा के भोला बुलउले बा’ पारम्परिक गीतों की गूंज
-माता रानी के लिए बरसाने से आया खास लहंगा
वाराणसी, 01 मार्च (हि.स.)। धर्म नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के चार दिवसीय गौना की रस्म उत्सव में दूसरे दिन बुधवार को श्री काशी विश्वनाथ दरबार के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास पर गीत गवनई हुई। रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा के गौना की रस्म में सुहागिन महिलाओं ने गौरा के विग्रह के समक्ष संध्या बेला में अचल सुहाग की कामना की।
उत्सव में शामिल मंदिर क्षेत्र के आसपास की बुजुर्ग महिलाएं भी ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच मंगल गीत गाती रही। गौरा को ससुराल के नियम भी समझाया। दुल्हे के स्वागत के लिए कौन कौन से पकवान पकाए जा रहे हैं। सखियां पार्वती का साज शृंगार करने के लिए कैसे कैसे सुंदर फूल चुन कर ला रही हैं,इसे भी गीतों के जरिये बताया गया। अपरान्ह बाद से ही मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान हो उठा। लोक संगीत के बीच बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित पारंपरिक गीतों का क्रम देर तक चला।
गौरा को गौना में विदा कराने गुरूवार को ससुराल आयेंगे महादेव
गौना में गौरा को विदा कराने गुरूवार शाम महादेव प्रतीक रूप से ससुराल महंत आवास पर आयेंगे। महादेव के गौना बारात के आगमन की तैयारियां भी महंत के टेढ़ी नीम स्थित आवास पर चलती रही। महंत आवास पर महादेव और बारातियों के स्वागत में ठंडई मेवे और पकवान का भोग चढ़ाया जायेगा।
गौना में माता गौरा बरसाने का लहंगा धारण करेंगी,आया मातारानी का रेशमी गोटेदार लहंगा
गौना में माता गौरा बरसाने से बाया रेशमी गोटेदार लहंगा धारण करेंगी। मातारानी के रजत विग्रह के लिए बुधवार शाम बरसाने का लहंगा महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास पर पहुंच गया। बाबा विश्वनाथ के लिए खास खादी का वस्त्र सूरत गुजराज से मंगाया गया है। बाबा और गौरा के राजसी पोशाक,रजत पालकी का विधिवत् पूजन आचार्य सुशील त्रिपाठी ने किया। गौना के समय बाबा विश्वनाथ खास खादी का राजसी वस्त्र और शाही पगड़ी धारण करेंगे।