02HREG1 राज्यपाल ने जनजातीय समुदाय तथा स्वरोजगारी महिलाओं से किया संवाद
– स्वसहायता समूह से जुड़कर महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें : राज्यपाल
सीधी, 1 मार्च (हि.स.)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल सीधी जिले में तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन बुधवार को ग्राम चमराडोल में आयोजित समारोह में शामिल हुए। उन्होंने जनजातीय समुदाय, विद्यार्थियों, स्वरोजगारी महिलाओं तथा युवाओं से विकास के संबंध में संवाद किया।
राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही हैं। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर दिए जा रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बेटियों के सम्मान और कल्याण के लिए बहुत सराहनीय कार्य किया है। इस योजना ने बेटियों के प्रति समाज और परिवार के दृष्टिकोण को बदल दिया है। अब बेटियों को लाड़ली लक्ष्मी और बेटों के समान परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाली माना जाता है। हाल ही में लाड़ली बहना योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से भी महिलाओं को आर्थिक रूप से मदद मिलेगी। स्वसहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं तय आर्थिक गतिविधि का संचालन करें। प्रदेश भर में लाखों महिला स्वसहायता समूह बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं।
समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू रामजी सिंह द्वारा राज्यपाल पटेल का स्वागत किया गया। समारोह में मोहनिया टनल बस दुर्घटना के मृतकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
राज्यपाल ने समारोह में आजीविका मिशन के समूह से जुड़ी महिलाओं पुष्पकली कोल, विमला बैगा, प्रमिला सिंह, सीता केवट तथा राजकली से संवाद करते हुए उनके द्वारा संचालित स्वरोजगार गतिविधियों की जानकारी ली। लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभांवित कक्षा 11वीं की छात्रा पूजा यादव ने बताया कि उनका परिवार बहुत गरीब था। लाड़ली लक्ष्मी योजना की छात्रवृत्ति मिलने से उनकी पढ़ाई संभव हो सकी। उत्कृष्ट छात्रा प्रमिला भूर्तिया ने भी शिक्षा से जुड़े अनुभव सुनाए। मनरेगा योजना से लाभांवित हितग्राही गुलशन कुमार ने कहा कि गांव में ही रोजगार का अवसर मिल जाने से उसे आजीविका चलाने में आसानी हुई है। पर्यटन विभाग से जुड़कर ग्राम खोखरा में अपने घर में पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देने के लिए होम स्टे संचालित करने वाले जगदीश सिंह ने राज्यपाल को अपने अनुभव बताए। राज्यपाल ने युवाओं तथा स्वरोजगारी महिलाओं के प्रयासों की सराहना की।
पेसा एक्ट के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पेसा एक्ट से आदिवासियों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। इस एक्ट के माध्यम से आदिवासियों के विकास और कल्याण से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय गाँव में ही ग्राम सभा के माध्यम से लिए जायेंगे। एक्ट के प्रावधानों के प्रचार प्रसार के लिए गाँव-गाँव शिविर लगायें। मध्यप्रदेश में आदिवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने में सहायता मिल रही है। राज्यपाल ने कहा कि पेसा एक्ट के क्रियान्वयन में ग्रामीण क्षेत्र के युवा आगे आयें तथा गाँव के विकास में अपना योगदान करें। पेसा एक्ट की सफलता ग्रामीण क्षेत्र के पढ़े लिखे युवाओं पर निर्भर है। उन्हें इसमें अग्रणी भूमिका का निर्वहन करना होगा।
समारोह में उपस्थित विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने बताया कि पाँच-पाँच गांव गोद लेकर उनका समुचित विकास किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि शासकीय विश्वविद्यालयों के साथ-साथ सभी निजी विश्वविद्यालय भी गांव के विकास की जिम्मेदारी लें। राज्यपाल ने सामाजिक संगठनों से भी देश की प्रगति में सहयोग करने का आह्वान किया है। उन्होंने टीबी बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए लोगों से टीबी लक्ष्य मित्र बनने की अपील की। टीबी रोगियों को गोद लें तथा उनके पोषण स्तर में सुधार के लिए सहयोग करें।
कार्यक्रम में कलेक्टर साकेत मालवीय ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनकी नियमित समीक्षा तथा मॉनीटरिंग की जाती है। खाद्यान्न वितरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, तथा अन्य विभागों की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को प्राथमिकता से दिया जा रहा है। समारोह में राज्यपाल श्री पटेल को कलेक्टर ने सीधी जिले के स्वरोजगारियों द्वारा बनाई गई पंजा दरी तथा भरतपुर हथकरघा में बनाए गए कपड़े भेंट किए। इस अवसर पर राज्यपाल ने स्वसहायता द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर उत्साहवर्धन किया।
समारोह में अध्यक्ष जनपद पंचायत मझौली सुनयना सिंह, जनपद सदस्य सुमन कोल तथा हीराबाई सिंह, सरपंच बृजेश तिवारी, पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव, डीएफओ क्षितिज कुमार, एसडीएम सुरेश अग्रवाल तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों को दुलारा
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भ्रमण के दौरान ग्राम चमराडोल में आंगनवाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया। बच्चों ने राज्यपाल का गुलाब का फूल देकर स्वागत किया। राज्यपाल ने बच्चों को अच्छे पोषण का संदेश देते हुए फलों की टोकरी का उपहार दिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने बच्चों तथा उनके अभिभावकों से संवाद किया।
राज्यपाल पटेल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों को समुचित पोषण आहार देने के साथ-साथ मनोरंजक तरीके से प्राथमिक शिक्षा दें। आंगनवाड़ी केन्द्र को आकर्षक बनाएं। छोटे-छोटे मनोरंजक खेलों के माध्यम से भी बच्चों को शिक्षा से जोड़ें। राज्यपाल को आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों ने कविता सुनाई। राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केन्द्र तथा पोषण वाटिका का निरीक्षण किया। राज्यपाल ने पोषण वाटिका में आम का पौधा रोपित किया। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्र के सभी बच्चे रोपित आम के पौधे को बारी-बारी से पानी दें जिससे उनके मन में पर्यावरण संरक्षण का भाव पैदा हो।