26HREG119 गणेश शंकर विद्यार्थी का बलिदान आज भी प्रासंगिक : पूरन सिंह राणा
-पुण्यतिथि पर याद किए गए गणेश शंकर विद्यार्थी
हरिद्वार, 26 मार्च (हि.स.)। हिन्दी पत्रकारिता के पितामह पत्रकार, स्वतंत्र सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी के बलिदान दिवस पर प्रेस क्लब हरिद्वार में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) उतराखंड हरिद्वार इकाई के पदाधिकारियों ने गोष्ठी की।
कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत गणेश शंकर विद्यार्थी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। साथ ही देश की आजादी में उनकी लेखनी के योगदान एवं संघर्षों के बारे में प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप जिला अधिकारी पूरण सिंह राणा ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ-साथ समाज का आइना भी है जो हमें समाज में घटित चीजों को दिखाता है। उन्होंने कहा कि हर समाज का व्यक्ति उन्हें फरिश्ता के नाम से पुकारता था। उनकी कार्यशैली ही ऐसी थी कि हर समाज के व्यक्ति ने उन्हें सम्मान दिया।कहा की जीवन संघर्ष, मेहनत व ईमानदारी से ही किसी कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनयूजेआई के मुख्य संरक्षक पीएस चौहान ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार तो थे साथ ही साथ समाजसेवी स्वतंत्रता सेनानी एवं कुशल राजनीतिज्ञ भी थे।
पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य करने के कारण उन्हें पांच बार सश्रम कारागार और अर्थ दण्ड भी दिया गया था। उन्होंने 25 मार्च 1931 को कानपुर में हुए हिन्दू-मुस्लिम दंगे में निस्सहायों को बचाते हुए अपना बलिदान दिया।
कार्यकारी अध्यक्ष शिवा अग्रवाल ने कहा कि कलम की ताकत हमेशा से ही तलवार से अधिक रही है और ऐसे कई पत्रकार हैं जिन्होंने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी है। गणेश शंकर विद्यार्थी भी ऐसे ही पत्रकार रहे हैं जिन्होंने अपने कलम की ताकत से अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी।संचालन जिला महामंत्री सन्दीप रावत ने किया।
इस मौके पर जिला सूचना अधिकारी प्रमोद तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी, प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रवण झा, महामंत्री अश्वनी अरोड़ा, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष बालकृष्ण शास्त्री, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामचंद्र कन्नौजिया, प्रदेश कोषाध्यक्ष काशीराम सैनी, डॉ. हिमांशु द्विवेदी सहित अन्य वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित रहे।