10HREG218 मुख्यमंत्री चौहान ने सावित्री बाई फुले की पुण्य-तिथि और स्व. माधवराव सिंधिया को जयंती पर किया नमन
भोपाल, 10 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नारी सशक्तिकरण की प्रतीक और महान समाज सुधारक सावित्री बाई फुले की पुण्य-तिथि और लोकप्रिय जननेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.माधवराव सिंधिया को जयंती पर नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री चौहान ने दोनों विभूतियों को नमन करते हुए कहा देश में सबसे पहले महिला शिक्षा की अलख जगाने वालीं भारत की प्रथम महिला शिक्षिका श्रद्धेय सावित्री बाई फुले जी की आज पुण्यतिथि है। साथ ही प्रदेश की प्रगति और विकास में अतुलनीय योगदान देने वाले मध्यप्रदेश की माटी के सपूत स्व. माधवराव सिंधिया जी की जयंती है। दोनों विभूतियों को नमन!
इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट कर सावित्री बाई फुले को पुण्यतिथि पर नमन करते हुए कहा शिक्षा स्वर्ग का द्वार खोलती है,खुद को जानने का अवसर देती है-सावित्रीबाई । शिक्षा की अखण्ड ज्योत प्रज्ज्वलित कर महिलाओं व असमर्थों के जीवन को एक नये प्रकाश से आलोकित करने वाली देश की प्रथम महिला शिक्षिका,श्रद्धेय सावित्री बाई फुले जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।
श्रीमती फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। वे भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थी। उन्होंने अपना जीवन विधवा विवाह कराने, छुआछूत मिटाने, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाने के मिशन के रूप में जिया। श्रीमती फुले ने 3 जनवरी 1848 को पुणे में अपने पति के साथ मिल कर विभिन्न जातियों की 9 छात्राओं के साथ बालिका विद्यालय की स्थापना की। उनका निधन 10 मार्च 1897 को हुआ।
वहीं एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने स्व.माधवराव सिंधिया जी की जयंती पर नमन करते हुए कहा मध्यप्रदेश के गौरव, लोकप्रिय जननेता स्व.माधवराव सिंधिया जी की जयंती पर कोटिश: नमन करता हूं! मध्यप्रदेश की प्रगति, उन्नति और नवनिर्माण के लिए आप जीवनपर्यंत कार्य करते रहे। प्रदेश के विकास और जनसेवा के पुनीत कार्यों के लिए आप सदैव याद आयेंगे।
श्री सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने सिंधिया स्कूल ग्वालियर तथा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्राप्त की। वे लोकसभा में सांसद रहने के साथ ही वर्ष 1990 से 1993 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। श्री सिंधिया का निधन 30 सितंबर 2001 को विमान दुर्घटना में हुआ।