31HREG309 उत्तराखंड के प्रत्येक ब्लॉक में होगी संयुक्त सहकारी खेतीः मंत्री धन सिंह रावत
-प्रथम चरण में 10 विकासखण्डों का किया जाएगा चयन
देहरादून, 31 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड के प्रत्येक विकासखण्ड में वीर माधोसिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती की जायेगी। प्रथम चरण में 10 विकासखण्डों का चयन किया जाएगा। इसके साथ ही बहुद्देशीय सहकारी समितियों के अन्तर्गत सभी 95 विकासखण्डों में जन सुविधा केन्द्र एवं जन औषधि केन्द्रों की स्थापना भी की जायेगी।
शुक्रवार को अपने शासकीय आवास पर सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारिता विभाग के उच्चाधिकारियों के संग बैठक में यह निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम की सफलता के लिए विभागीय अधिकारियों को बधाई दी।
मंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग ने राज्य के प्रत्येक विकासखण्ड में वीर माधोसिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती करने का निर्णय लिया है। जिसके अन्तर्गत वहां की भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये कलस्टर वाइज खेती की योजना तैयार की जाएगी। जिससे किसानों की आय में वृद्धि, नौजवानों को रोजगार के साथ-साथ पलायन भी रूकेगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को पूरी कार्य योजना तैयार कर प्रथम चरण में 10 विकासखण्डों का चयन कर संयुक्त सहकारी खेती के मॉडल के रूप में तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा सभी 95 विकासखण्डों में जन सुविधा केन्द्रों की स्थापना भी की जायेगी। जिससे आम लोगों एवं सहकारिता से जुड़े काश्तकारों को एक ही छत के नीचे इंटरनेट व अन्य सुविधाएं उपलब्ध होगी।
मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को सस्ता इलाज मुहैया कराने के लिए वचन बद्ध है। इसी क्रम में सहकारिता विभाग की ओर से बहुद्देशीय समितियों के अन्तर्गत राज्य के 95 विकासखण्डों में एक-एक जन औषधि केन्द्रों की स्थापना की जायेगी, ताकि आम लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध करायी जा सके। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दे दिये गये हैं।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पं. दीनदयाल उपाध्याय कृषि ऋण योजना के तहत मृतक बकायादारों का ब्याज माफ करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए पूरे प्रदेश में मृतक बकायदारों के आश्रितों से सहमति पत्र भरवाये जा रहे हैं, ताकि मृतक द्वारा पूर्व में लिये गये सहकारिता ऋण पर ब्याज की धनराशि को माफ किया जा सके। इस योजना के तहत मृतक के आश्रितों को केवल मूलधन ही जमा करना होगा।