10HREG348 बजट में सभी क्षेत्रों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाः शिवराज
भोपाल, 10 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री सिंह चौहान ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23, राज्य बजट 2023-24, सरकार की योजनाओं और उनके संभावित लाभों के संबंध में समाज के विभिन्न वर्ग, लाभार्थी और हितधारकों से संवाद कार्यक्रम में कहा कि सिंचाई, अधो-संरचना निर्माण, ऊर्जा, सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त प्रावधान के साथ महिला, किसान, युवा और गरीब-कल्याण के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। बजट में सभी क्षेत्रों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए एक लाख 2 हजार 976 करोड़ का प्रावधान बजट में रखा गया है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए 8 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान है। इस योजना से महिलाएँ स्वावलम्बी होंगी और उनका आत्म-विश्वास बढ़ेगा। युवाओं के लिए मुख्यमंत्री कौशल एप्रेन्टिसशिप योजना आरंभ की जा रही है। इसमें युवाओं को “सीखो और कमाओ” के अवसर उपलब्ध कराये जाएंगे। मुख्यमंत्री बालिका ई-स्कूटी योजना में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 12वीं में मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी प्रदान की जाएगी। प्रदेश में ग्लोबल स्किल पार्क की तर्ज पर ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में नये स्किल सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए 53 हजार 964 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। डिफाल्टर किसानों के बकाया ऋणों पर ब्याज की भरपाई के लिए 2500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। संबल योजना के लिए पर्याप्त प्रावधान के साथ अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, घुमन्तु समुदायों के लिए भी बजट में विशेष व्यवस्था की गई है।
खेल का बजट तीन गुना से अधिक बढ़ाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेल-संस्कृति के विकास और खेलों के लोकव्यापीकरण के लिए खेल का बजट तीन गुना से अधिक बढ़ाया गया है। राज्य में सीएम राइज स्कूल, स्वास्थ्य, शहरी विकास, मेट्रो रेल के लिए भी बजट में उपयुक्त प्रावधान हैं। नगरीय क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार रोप-वे और केबल कार सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। अधो-संरचना विकास में प्रदेश में विकसित हो रहे एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर तथा टाउनशिप विकसित की जाएगी। बजट में नगरीय और ग्रामीण विकास के लिए पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं। राज्य सरकार आर्थिक प्रगति के साथ आत्मा के उन्नयन, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अभ्युदय के लिए भी समर्पित भाव से सक्रिय है। श्रीमहाकाल महालोक के निर्माण के बाद ओंकारेश्वर में एकात्म धाम, ओरछा में श्रीरामराजा लोक, चित्रकूट में दिव्य वनवासी रामलोक, सलकनपुर में श्रीदेवी महालोक जैसी जन-आस्था और आध्यात्मिक प्रगति से जुड़ी परियोजनाओं के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।
प्रदेश का बजट केन्द्रीय बजट के उद्देश्यों के अनुरूप
सीआईआई के कन्वेनर सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने प्रदेश के सर्व समावेशी और विकासोन्मुखी बजट के लिए मुख्यमंत्री चौहान का आभार माना। उन्होंने कहा कि प्रदेश का बजट केन्द्रीय बजट के उद्देश्यों के अनुरूप है। आर्थिक सर्वेक्षण में सभी क्षेत्र के संबंध में पर्याप्त डाटा उपलब्ध है। राज्य का उद्योग मित्र वातावरण, स्टार्टअप नीति, पर्याप्त अधो-संरचना, जल और ऊर्जा की उपलब्धता प्रदेश के लिए निवेश आकर्षित करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सीआईआई हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए सदैव तत्पर है।
बढ़ते शहरीकरण को ध्यान में रखना आवश्यक
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के पूर्व निदेशक पिनॉकी चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश के बजट और आर्थिक सर्वेक्षण पर जन-संवाद कर नीति-निर्धारण में जन-जन को सहभागी बनाना अद्भुत नवाचार है। प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए जन-सुविधाओं के प्रदाय के लिए प्रभावी नीति-निर्धारण आवश्यक है। प्रदेश के वनाच्छादित क्षेत्र के संधारण और बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिगत राजस्व संग्रहण संबंधी नीतिगत पहल के बारे में भी उन्होंने अपने सुझाव रखे।
जन-भागीदारी और जन-संवाद प्रदेश के सुशासन की विशेषता
अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के लोकेश शर्मा ने कहा कि जन-भागीदारी और जन-संवाद प्रदेश के सुशासन की विशेषता है। प्रदेश के बजट और आर्थिक सर्वेक्षण पर जन-संवाद के सकारात्मक परिणाम होंगे। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विषय-विशेषज्ञ, औद्योगिक एवं व्यवसायिक संगठनों और स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, मैदानी अधिकारी तथा हितधारक शामिल हुए।