स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 140 करोड़ रुपये स्वीकृत: सतपाल महाराज

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30HREG134 स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 140 करोड़ रुपये स्वीकृत: सतपाल महाराज

– वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत गुंजी, नीति, मलारी, माणा गांवों का हुआ चयन

देहरादून, 30 दिसंबर (हि.स.)। उत्तराखंड के पर्यटन विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना 2.2 के तहत राज्य के पिथौरागढ़ और चंपावत जनपदों में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने के लिए केन्द्र सरकार ने 140 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना 2.2 के अंतर्गत पिथौरागढ़ और चम्पावत जनपदों में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 140 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके तहत प्रथम चरण में 70 करोड़ की लागत से पिथौरागढ़ स्थित आदि कैलाश, गुंजी आदि क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ-साथ मैनेजमेंट प्लांट तैयार किया जाएगा।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि जनपद में बॉर्डर टूरिस्ट को बढ़ावा देने के साथ-साथ खालिया टॉप में स्कीईंग, पंचाचुली पीक, बिर्थी वॉटरफॉल सहित मुनस्यारी, मदकोट, जौलजीबी पाताल भुवनेश्वर आदि स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास कर इको टूरिज्म एवं एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी प्लान तैयार किया जाएगा।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद की तरह ही जनपद चंपावत में 70 करोड़ की धनराशि से स्वदेश दर्शन योजना 2.2 के अंतर्गत कल्चर एवं हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पूर्णागिरि, एबॉट माउंट, नंदा सेंचुरी, अद्वैत आश्रम मायावती में पर्यटकों के लिए अनेक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जनपद के चूका क्षेत्र में इको हैरिटेज एवं एडवेंचर गतिविधियों को भी इस योजना के माध्यम से बढ़ावा दिया जायेगा।

मंत्री महाराज ने कहा कि सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत प्रदेश के 4 गांवों गुंजी, नीति, मलारी और माणा का भी चयन किया गया है। इन चारों वाइब्रेंट विलेज में पाउडर टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ रिवर्स माइग्रेशन एवं स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ वहां की आर्थिक को सुधारने का प्रयास किया जाएगा।

मां का निधन जीवन में लाता है शून्यता: सतपाल महाराज

मंत्री सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माता हीराबा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह समाचार सुनकर गहरा आघात लगा है। एक मां का निधन किसी भी व्यक्ति के जीवन में ऐसी शून्यता लाता है, जिसकी भरपाई असंभव है।