28HREG1 11वां क़ाफ़िया रदीफ़ अवार्ड मशहूर शायर रहमत लखनवी और शायर नजमी कमाल को दिया गया
अवार्ड समारोह का आयोजन यूपी प्रेस क्लब में हुआ
लखनऊ, 27 दिसम्बर ( हि.स.)। यू पी प्रेस क्लब और ‘साहित्यागंधा‘ की ओर से संयुक्त रूप से मंगलवार को उर्दू के अज़ीम शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के 225वें जन्मदिवस पर 11 वें क़ाफ़िया रदीफ़ मुशायरा व सम्मान समारोह का आयोजन हजरतगंज स्थित क्लब सभागार में किया गया। 11 वां क़ाफ़िया रदीफ़ अवार्ड लखनऊ के मशहूर शायर रहमत लखनवी और गोंडा के मशहूर शायर नजमी कमाल को दिया गया । बाराबंकी के मशहूर शायर सलीम सिद्दीक़ी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। अध्यक्षता डॉ संजय शौक़ ने की। संचालन शाहबाज़ तालिब ने किया।
लखनऊ यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग के प्रोफ़ेसर अब्बास रज़ा नय्यर , साहित्यिक संस्था अन्दाज़ ए बयाँ और दुबई के कन्वेनर रेहान सिद्दीक़ी जी , सामाजिक कार्यकर्ता मेराज हैदर , कुवैत से आए आमिर किदवई बतौर विशिष्ट अतिथि रहे । क़ाफ़िया रदीफ़ के कन्वेनर शायर हर्षित मिश्रा ने बताया कि मुशायरे में जनाब नजमी कमाल साहब ने फ़रमाया कि
‘अकेले थे चले आये कहाँ से
मिला दी दास्ताँ क्यों दास्ताँ से
तमाशा देखने वाले सभी थे
नज़र आये ना कोई दरमियाँ से
और जनाब रहमत लखनवी साहब ने पढ़ा कि
मशवरा आपका सर आँखों पर
हम भी कुछ अपनी राय रखते हैं
मरकज़ ये फ़िक्र ओ फ़न प हम रहमत
अपनी नज़रें जमाये रखते हैं
मुशायरे में डॉ बलवंत सिंह, दुर्गेश शुक्ला अभिश्रेष्ठ तिवारी, जानी लखनवी, ईमान गोंडवी, नवीन शुक्ला, मनीष पटेल, श्रुति भट्टाचार्य, प्रतिभा श्रीवास्तव, फ़ैज़ ख़ान संदीप शर्मा, शयान अहमद, स्वराज शुक्ला आदि ने अपना कलाम पढ़ा इसी के साथ साथ सदर इस्तक़बालिया हसीब सिद्दीक़ी और इफ़्तेदा भट्टी भी मौजूद रहे ।