श्रीराम-जानकी विवाहोत्सव : आज मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी

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28HPAR1 श्रीराम-जानकी विवाहोत्सव : आज मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी

आज के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह कराने से ऐसे जातकों की समस्याएं दूर हो जाती हैं, जिनकी शादी में अड़चनें आ रही हैं।

भोपाल, 28 नवंबर (हि.स.)। श्रीरामचरितमानस में इस बात का उल्लेख किया किया गया है कि मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को भगवान श्रीराम तथा जनकपुत्री जानकी का विवाह हुआ था। तभी से इस पंचमी को विवाह पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार विवाह पंचमी भगवान श्रीराम जी और माता सीता जी के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है।

इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया इस वर्ष सन् 2022 ई.28 नवंबर सोमवार यानी कि आज मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और इसी दिन भगवान श्रीराम तथा जनकपुत्री जानकी का विवाह उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह कराने से ऐसे जातकों की समस्याएं दूर हो जाती हैं, जिनकी शादी में अड़चनें आ रही हैं और जिन विवाहित दंपत्तियों के जीवन में परेशानियां हैं, उनकी समस्याएं भी समाप्त हो जाती हैं।

महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य का कहना है कि सुबह शुद्ध जल से स्नान करके श्रीराम विवाह का संकल्प लें । श्रीराम विवाह के दिन पीले वस्त्र धारण कर तुलसी या चन्दन की माला से मंत्र या दोहों का यथाशक्ति जप करें। जप करने के बाद शीघ्र विवाह या वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें ।।मंत्र।। ॐ जानकीवल्लभाय नमः”।।

प्रमुदित मुनिन्ह भावंरीं फेरीं। नेगसहित सब रीति निवेरीं॥

राम सीय सिर सेंदुर देहीं। सोभा कहि न जाति बिधि केहीं॥

पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियं हरषे तब सकल सुरेसा॥

बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं।।

उल्लेखनीय है कि भारतीय संस्कृति में राम-सीता आदर्श दम्पत्ति माने गए हैं। इस दिन सभी मंदिरों में उत्सव होते है और श्री राम का पाठ किया जाता है,पूरी रीति रिवाज़ से इस उत्सव को मनाया जाता है और विवाह पंचमी की कथा को सुना और पढ़ा जाता है, इस पावन दिन सभी को राम-सीता की आराधना करते हुए अपने सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए प्रभु से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। आज के दिन राम रक्षा स्रोत का पाठ,श्रीरामचरितमानस अथवा श्रीरामचरितमानस के बालकांड का पाठ करने से घरों में सुख-समृद्धि बढ़ती है।