15HREG366 भारतवर्ष को बनाना है ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति : सुधांशु त्रिवेदी
-विश्वविद्यालयों को तकनीकी दक्षता के लिए स्वयं तैयार करना होगा
-आने वाला दौर डेटा तकनीक का, शिक्षकों की बड़ी जिम्मेदारी
कानपुर, 15 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व के कल्याण के लिए भारतवर्ष को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है न कि प्रताड़ित करने के लिए। यह बात भाजपा से राज्य सभा सांसद एवं प्रखर वक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एवं छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय शैक्षिक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कही।
बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने बताया कि विश्व की कई शक्तियां लोक कल्याण के बजाय विश्व को प्रताड़ित करने के लिए महाशक्ति बनना चाहते हैं। कहा कि हम सभी को स्वतंत्रता तो बहुत पहले प्राप्त हो गई और स्वतंत्रता के पहले अक्षर “स्व” को प्रत्येक क्षेत्र में अपनाकर हम सब भारतवर्ष को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि विश्व में कहीं भी यदि कोई ज्ञान का अनुसंधान हो रहा हो तो भारतवर्ष उसका केंद्र बिंदु होता है। भारत वह है जो ज्ञान के प्रकाश के अनुसंधान में सतत् रूप से लगा है।
शनिवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी की सराहना की। बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुकूल एवं गर्व की अनुभूति कराने वाली नीति है। उन्होंने तकनीकी कौशल पर केंद्रित होने के उद्देश्य से कहा कि आने वाला दौर तकनीक का है, उसमें भी मुख्य रूप से डेटा है। हमें इसके लिए नए कौशल की आवश्यकता है। विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि वह स्वयं काे तकनीकी रूप से दक्ष कर सकें।
उन्होंने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी को हर दिन नए कौशल के साथ डेटा तकनीक के लिए खुद को भी अपग्रेड करना होगा। कार्यक्रम में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय प्रभारी महेन्द्र कुमार ने संगठन द्वारा समय समय पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु किए जाने वाले कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में 40 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र को पढ़ा। इस दौरान संयुक्त महामंत्री शैलेन्द्र द्विवेदी, प्रतिकुलपति डॉ सुधीर अवस्थी, सीडीसी निदेशक डॉ आर.के.द्विवेदी, राहुल कुमार मिश्रा,चन्द्रदीप यादव, प्रताप कटियार, शैलेन्द्र अवस्थी समेत सैकड़ों शिक्षक एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।