राष्ट्रीय नवाचार दिवस : वर्तमान में जीना चाहिये और भविष्य पर रखें निगाह : सुरेन्द्र राज पुरोहित

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15HREG383 राष्ट्रीय नवाचार दिवस : वर्तमान में जीना चाहिये और भविष्य पर रखें निगाह : सुरेन्द्र राज पुरोहित

कानपुर, 15 अक्टूबर (हि.स.)। छात्र जीवन ऐसा जीवन है जो जिंदगी में एक बार आता है। इस दौरान अपने को कहां ले जाना है, उस पर विचार करके आगे बढ़ते रहना चाहिये। इसके साथ ही विद्यार्थियों को वर्तमान में जीना चाहिए, लेकिन भविष्य पर निगाह रखें और भविष्य की योजनाओं के लिये आज से ही मेहनत करें। यह बातें छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में शनिवार को राष्ट्रीय नवाचार दिवस पर जयपुर से आये सुरेन्द्र राज पुरोहित ने कही।

छत्रपति शाहूजी महाराज इनोवेशन फाउंडेशन के द्वारा पूर्व राष्ट्रपति प्रोफेसर एपीजे अब्दुल कलाम की याद में राष्ट्रीय नवाचार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जयपुर से आये श्रुतिधर पालीवाल एवं सुरेंद्र राजपुरोहित शामिल हुए। नवाचार इकोसिस्टम एवं एमएसएमई के सुविधा प्रकल्पों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बच्चों को नवाचार संस्कृति से गम्भीरतापूर्वक जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। विश्वविद्यालय के प्रो रॉबिन्स पोरवाल हेड डिपार्टमेंट ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन भी शामिल हुए।

श्रुतिधर पालीवाल ने बताया कि सभी विद्यार्थी नवाचार में अपने मौलिक विचारों के साथ आएं और उन विचारों पर कार्य करें जिससे भविष्य उज्जवल हो और उनकी संकल्पना भी पूर्ण हो। रॉबिंस पोरवाल ने बच्चों का आवाह्न करते हुए नवाचार दिवस को एक अवसर के रूप में देखने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में स्टार्टअप्स के अलावा विभिन्न विभागों के 100 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

–पुरातन छात्र सम्मेलन का हुआ आयोजन

पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन शिक्षा विभाग एवं यूनिवर्सिटी कैम्पस एलुमनी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षा विभाग के पूर्व विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। अपने उदगार व्यक्त करते हुए पूर्व विद्यार्थियों ने विभाग में अपने योगदान देने का आश्वासन दिया। मुख्य अतिथि प्रतिकुलपति प्रो सुधीर कुमार अवस्थी ने सभी पुरातन विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग में योगदान करने हेतु प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो संजय कुमार स्वर्णकार ने भी शिक्षा के बदलते स्वरूप पर चर्चा की तथा वर्तमान छात्रों को अपने ज्ञान को हस्तांतरित करने हेतु आश्वासन प्राप्त किया। यूनिवर्सिटी कैम्पस एलुमनी एसोसिएशन के सचिव डॉ विवेक सचान ने अपने एलुमनाई से कनेक्ट करने हेतु सभी को प्रोत्साहित किया।