लखनऊ में बिखरी पर्वतीय संस्कृति की लोक छटा

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15HREG389 लखनऊ में बिखरी पर्वतीय संस्कृति की लोक छटा

–गोमती नगर स्थित पर्वतीय महापरिषद, भवन में शुरू हुआ दीपावली मेला

लखनऊ, 15 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पर्वतीय लोक संस्कृति की छटा बिखरी। शहर के लोगों को पहाड़ों पर गाए जाने वाले लोक गीत, पहनावे, मिट्टी के दीये, आभूषण, बाल मिठाई सहित दूसरी चीजों को देखने का मौका मिला। पर्वतीय महापरिषद की ओर से आयोजित दो दिवसीय दीपावली-दशहरा मेले का शुभारम्भ हुआ। गोमती नगर स्थित स्थित महापरिषद भवन में मेले का उद्घाटन हुआ।

मेले में खाद्य पदार्थों सहित विभिन्न प्रकार के वस्तुओं के स्टॉल लगाए गए हैं। जिनमें पर्वतीय दालें, बाल मिठाई, उत्तर भारतीय परिधान, हैण्डिक्राफ्ट, मिट्टी के दीये, ऐपण, पर्वतीय आभूषण, पैक फूड, मसाले, साड़ी, दोपहिया वाहन सहित अनेक प्रकार के पर्वतीय व उत्तर भारतीय खाद्य पदार्थों की स्टॉल लगी हुई हैं।

मेले में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रथम सत्र में मंजू पाण्डेय दल, जानकी अधिकारी दल, वीना रावत, गोवर्धन भट्ट दल, नीलमथा, मीना पाण्डेय दल, कल्याणपुर, राधा बोरा दल, नंदा रावत, विकास नगर, मास्टर जोशी एकल गीत, तेलीबाग, मास्टर-दक्ष बिष्ट, गोमतीनगर, गोवर्द्धन कांडपाल, विकास नगर, जहान्वी बिष्ट पंत नगर द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें ‘अंग्रेजी मैडम मेरा माडर्न कुमाऊ, तू तू किलै तड़पोंछी’, ‘रूपसा रमौती घुघुर न बाजा छम’, ‘क्रीम पौडरा कसिकै लगौं में’ आदि लोक गीतों पर कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी। वाद्यवृन्द में हुड़के पर मोहन सिंह बिष्ट, हारमोनियम पर नरेन्द्र सिंह फर्त्याल, सिन्थेसाईजर पर बलवन्त वॉणगी ढोलक गिरीश चन्द्र कोठारी ने साथ दिया।

सायंकालीन सत्र में रामलीला का मंचन हुआ। जिसमें रामलीला समिति कल्याणपुर की ओर से परशुराम -लक्ष्मण संवाद व महानगर रामलीला समिति ने दशरथ केकई संवाद प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक सचिव गोविन्द सिंह बोरा के निर्देशन में गोमती नगर शाखा ने भी कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। संचालन राजेश भट्ट ने किया। इस अवसर पर परिषद के अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।