15HREG314 फसल अवशेष को खेत पर मिलाने से बढ़ती है उर्वरक क्षमता : डॉ खलील खान
कानपुर, 15 अक्टूबर (हि.स.)। रवी की फसलें इन दिनों पककर लगभग तैयार हैं और इनमें सबसे अहम कानपुर परिक्षेत्र में धान की फसल है। आमतौर पर धान की फसल से निकलने वाले पराली को किसान लोग जला देते हैं। इससे खेत में मौजूद जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इसकी जगह किसानों को चाहिये कि फसल अवशेष को खेत पर ही मिला दें, ताकि खेत की उर्वरक क्षमता बढ़ सके। यह बातें शनिवार को सीएसए के मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने कही।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के अधीन कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर कानपुर द्वारा फसल अवशेष परियोजना अंतर्गत स्कूल स्तरीय विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम बजरंग उच्चतर माध्यमिक कॉलेज भेवान कानपुर में किया गया। जिसमें 150 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रामप्रकाश के निर्देशन में हुआ। जिसमें डॉ रामप्रकाश ने बताया कि किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है साथ ही साथ मृदा में पोषक तत्वों का नुकसान होता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि पराली को खेत में मिला देने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
डॉ खलील खान ने बताया कि खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों, फलों एवं अन्य फसलों में स्वाद व गुणवत्ता की बहुत कमी आ जाती है। जो कि फसल अवशेषों की खाद को मृदा में मिलाने से बढ़ाई जा सकती है। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ शशिकांत द्वारा बताया कि पशुओं द्वारा गोबर की खाद को मिलाने व फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा में जीवांश क्षमता बढ़ती है।
डॉक्टर एके सिंह ने कहा कि आप अपने माता पिता को फसल अवशेष में आग लगाने से रोके। गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी एवं डॉ मिथिलेश वर्मा ने भी छात्र छात्राओं को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जागरूक किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध लेखन, चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रबंधक नीरज कुमार ने छात्र छात्राओं से कहा कि अपने अभिभावकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक जितेंद्र कुमार, अवधेश, जितेंद्र कुमार सहित अन्य विद्यालय स्टाफ एवं कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।